Koo Studio चुनावी हलचल- चुनाव में चढ़ते या घटते मतदान का प्रतिशत किस बात का संकेत है?
चुनाव में एक-दूसरे की पार्टियों पर जमकर हमला बोला जा रहा है। हर पार्टी खुद लेकर आश्वस्त है कि वह सरकार बनाने जा रही है। इस चुनाव में मुद्दा रोजगार महंगाई कोरोना और कानून व्यवस्था आदि का है।
चुनाव में एक-दूसरे की पार्टियों पर जमकर हमला बोला जा रहा है। हर पार्टी खुद लेकर आश्वस्त है कि वह सरकार बनाने जा रही है। इस चुनाव में मुद्दा रोजगार, महंगाई, कोरोना और कानून व्यवस्था आदि का है। एक तरफ विपक्ष इन मुद्दों को उठाकर सरकार पर हमला कर रहा है, तो वहीं सत्ता पार्टी इन मुद्दों को ठीक करने का दावा करके अपना पीठ थपथपा रही है। कौन सही बोल रहा है, कौन झूठ यह तो जनता को पता ही है। और जनता के मन में क्या है, यह 10 मार्च को पता ही चल जाएगा।
राजनीतिक पार्टी से लेकर चुनावी विशेषज्ञ और रणनीतिकार तक हर कोई 5 राज्यों में अब तक हुई वोटिंग के बाद अपना चुनावी गणित लगा रहा है। Koo Studio के खास प्रोग्राम चुनावी हलचल में Jagran New Media के एग्जीक्यूटिव एडिटर और चुनावी विशेषज्ञ Pratyush Ranjan ने मतदान प्रतिशत, आने वाले दौर के मतदान और चुनाव के दूसरे मुद्दों पर सटीक विश्लेषण किया है, जिसे आप दैनिक जागरण के सोशल मीडिया हैंडल पर देख सकते हैं।
किसी भी चुनाव में मतदान प्रतिशत यह बता देता है कि किसी क्षेत्र में जनता का मूड क्या है। मतदान प्रतिशत अगर ऊपर जा रहा है, तो यह कहा जाता है कि जनता बदलाव चाहती है और उसने किसी नई पार्टी को सरकार के लिए चुना है। मतदान प्रतिशत का ऊपर जाने का मतलब यह भी हो सकता है कि जनता वर्तमान सरकार के कामों से खुश है, इसलिए वह जमकर वोट कर रही है। वहीं, अगर मतदान प्रतिशत नीचे है, तो इसका मतलब यह है कि जनता का रवैया सत्तारुढ़ पार्टी और दूसरी सभी पार्टियों के प्रति उदासीन है। वह किसी भी पार्टी से खुश नहीं है। पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार के पांच राज्यों के चुनाव में मतदान प्रतिशत थोड़ा नीचे गिरा है। यह क्यों हुआ है और इसका मतलब क्या है, यह जानने के लिए आप Koo Studio का खास प्रोग्राम चुनावी हलचल में आज की चर्चा को जरूर देखें।
उत्तर प्रदेश के चुनाव में पूरे देश की नजर होती है और इस बार के यूपी चुनाव में राजनीतिक दल अपना पूरा जोर लगा रहे हैं, खासकर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी। सातवें और आखिरी चरण के चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में प्रचार कार्य जोरो-शोरो से चल रहा है। बीजेपी जहां समाजवादी पार्टी को परिवारवाद और अखिलेश सरकार की कानून व्यवस्था को लेकर घेर रही है, तो वहीं समाजवादी पार्टी योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ महंगाई, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही है। सातवें चरण के लिए भी वही मुद्दे उठाए जा रहे हैं, जो अब तक हो चुके सभी चरणों में उठाए गए हैं।
वैसे सोशल मीडिया पर भी राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ हमलावर हैं। स्वदेशी ऐप Koo पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने गुंडों, माफियाओं और अपराधियों पर जो भाजपा का संकल्प रहा है, उस पर उन्होंने अपनी बात रखी है।
॥सपा बसपा कांग्रेस का मतलब॥ गुंडों अपराधियों भ्रष्टाचारी का संरक्षण और विकास! ॥भाजपा का संकल्प है॥ गुंडों,अपराधियों, भ्रष्टाचारी के खिलाफ कठोर कार्यवाही करते हुए गरीब ,किसान, मज़दूर की समर्पित सेवा और विकास करना, डबल इंजन सरकार,ख़त्म हो रहा है, भ्रष्टाचार, - Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) 2 Mar 2022
वहीं दूसरी तरफ प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता शिवपाल यादव ने प्रचार के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य पर हुए हमले पर बीजेपी को घेरा है।
कुशीनगर में स्वामी प्रसाद मौर्य जी के काफिले पर हुआ नृशंस पथराव व हमला अत्यंत कायरपूर्ण व शर्मनाक है। यह हमला सामाजिक न्याय,समरसता और प्रदेशवासियों की बदलाव की आकांक्षा पर किया गया हमला है। उत्तर प्रदेश की जनता इसका जवाब देगी और वोट की चोट से लोकतंत्र के शत्रुओं को बेनकाब करेगी। - Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) 2 Mar 2022
यूपी चुनाव को लेकर जनता भी लगातार Koo पर अपने मुद्दे रख रही है। ऐसे ही एक यूजर विनय ने यूपी के पूर्वांचल में स्वास्थ्य के मुद्दे को उठाया है। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की बात कही है।
बातें चाहे जितनी हो जाएं स्वास्थ्य के मामले में पूर्वांचल को अभी और सुविधाएं देने की ज़रूरत है ताकि पहले जैसी स्थिति कभी ना आए और हमारे बच्चे स्वस्थ रहें। मस्तिष्क ज्वर जैसी बीमारी को जड़ से खत्म किए जाने की ज़रूरी है। @dainikjagran - Vinay (@vinaySS0HE) 2 Mar 2022
इसके अतिरिक्त और भी कई लोगों ने माइक्रो ब्लॉगिंग ऐप Koo पर चुनाव पर अपनी बात की है। साथ ही, इस एपिसोड में और भी कई महत्वपूर्ण राजनीतिक बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसे आप यहां पर देख सकते हैं-
आप विभिन्न राज्यों के चुनावी हलचल का सटीक विश्लेषण देखने के लिए @dainikjagran को Koo ऐप पर फॉलो करें।