जानें, महाराष्ट्र की राजनीति में 'गेंम चेंजर' की भूमिका निभाने वाले कौन हैं डिप्टी CM अजीत पवार
महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे महत्वपूर्ण माने जानें वाले है एनसीपी नेता अजीत पवार। आखिरी समय में उन्होंने राज्य की राजनीति में उलटफेर करते हुए नया इतिहास रचा।
नई दिल्ली, जेएनएन। महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे महत्वपूर्ण माने जानें वाले हैं एनसीपी नेता अजीत पवार ने आखिरी समय में राज्य की राजनीति में उलटफेर करते कर दिया है। शनिवार की सुबह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। वहीं पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते हुए डिप्टी सीएम को धन्यवाद किया। ऐसा पहली बार नहीं है कि अजित पवार राज्य के डिप्टी सीएम बने हैं। इससे पहले भी वह कई बार इस पद पर रह चुके है, लेकिन उनकी भूमिका इस बार महाराष्ट्र की राजनीति में ज्यादा इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि रातोंरात वह अपने चाचा की पार्टी को तोड़ कर भाजपा के खेमे में शामिल हो गए, जिसकी खबर सुबह एनसीपी नेता शरद पवार को मिली। हालांकि इस दौरान शरद पवार ने मीडिया से मुखातिब होते कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। तो आइए जानते कौन हैं अजीत पवार और क्या है उनका राजनीतिक सफर।
अजीत पवार ने अपने चाचा शरद पवार का अनुसरण करते हुए राजनीति में एंट्री ली। एनसीपी से बागी होने के बाद उन्होंने भाजपा का साथ निभाया। ऐसे में उन्हें सबसे बड़े 'गेम चेंजर' की उपाधि देना गलत नहीं होगा। वर्ष 1990 से 7 बार वह बारामती से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। महाराष्ट्र में इस सीट पर हमेशा शरद पवार और अजीत पवार का ही दबदबा रहा है। बारामती सीट खानदानी सीट रही है। बता दें कि शिवसेना या भाजपा की तरफ से इस सीट पर किसी भी नेता ने कभी कोई जीत हासिल नहीं की है। महाराष्ट्र में जब कांग्रेस और शिवसेना की सरकार रही तो उस दौरान भी अजीत पवार को कई अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
अजीत पवार की निजी जिंदगी
अजीत पवार का जन्म 22 जुलाई 1959 को देवली प्रवर, अहमदनगर में हुआ। उन्होंने इसी शहर से अपनी शिक्षा पूरी की। एनसीपी नेता शरद पवार के वह भीतीजे हैं। जब अजीत अपनी शिक्षा पूरी कर रहे थे तो उस दौरान शरद पवार महाराष्ट्र में चमकते हुए स्टार के रूप में उभर रहे थे। इस दौरान अजीत ने मुंबई की तरफ रुख किया। शरद ने उनके राजनीति करियर को बनाने में योगदान दिया। 1991 में पुणे जिला सहकारी बैंक (पीडीसी) के अध्यक्ष चुने गए और 16 वर्षों तक वह इस पद कार्य करते रहे। इसी दौरान उन्हें मुंबई की बारामती सीट से चुना गया। वर्ष 2010 में कांग्रेस और एनसीपी की सरकार में वह पहली बार उप मुख्यमंत्री नियुक्त हुए थे, लेकिन साल 2012 में एक घोटाले के चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था हालांकि क्लीन चिट के बाद उनकी वापसी हो गई।
विवादों से भी रहा अजीत पवार का नाता
अजीत पवार महाराष्ट्र में 1500 करोड़ रुपये के सिंचाई घोटाले में आरोपी रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कई विवादास्पद बयान भी दिए हैं। 7 अप्रैल 2013 को उन्होंने सूखे के संकट पर उपवास कर रहे कार्यकर्ताओं को लेकर बयान दिया था। जिसको लेकर उन्हें काफी किरकिरी भी झेलनी भी पड़ी थी।