Move to Jagran APP

"आईबी और रॉ की रिपोर्ट सार्वजनिक करना चिंता का विषय" कॉलेजियम पर बोले किरेन रिजिजू

Kiren Rijiju केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को कहा कि रॉ और आईबी की संवेदनशील या गुप्त रिपोर्ट को सार्वजनिक करना गंभीर चिंता का विषय है। इस मसले पर मैं आपको उचित समय पर ही प्रतिक्रिया दूंगा।

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiPublished: Tue, 24 Jan 2023 02:19 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2023 02:57 PM (IST)
"आईबी और रॉ की रिपोर्ट सार्वजनिक करना चिंता का विषय" कॉलेजियम पर बोले किरेन रिजिजू
Kiren Rijiju: साथ आएं सरकार और न्यायपालिका, कम होंगे लंबित केस

नई दिल्ली, एजेंसी। जजों की नियुक्ति को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच मतभेद जारी है। इस बीच, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने आईबी और रॉ की रिपोर्ट सार्वजनिक करने को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस पर चिंता जाहिर की है।

loksabha election banner

गंभीर चिंता का विषय

रिजिजू ने मंगलवार को कहा, "सुप्रीम कोर्ट द्वारा आईबी और रॉ की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया है। ये गंभीर चिंता का विषय है।" उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसी के अधिकारी देश के लिए गुप्त तरीके से काम करते हैं। अगर उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है तो वे भविष्य में काम करने से दो बार सोचेंगे।

आईबी, रॉ की रिपोर्ट सार्वजनिक

रिजिजू सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा प्रस्तावित कुछ सवालों का जवाब दे रहे थे। जिसमें हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए शीर्ष अदालत द्वारा अनुशंसित कुछ नामों पर आईबी और रॉ की रिपोर्ट को पिछले सप्ताह सार्वजनिक किया गया था।

वहीं, किरेन रिजिजू ने एक बार फिर कहा कि सरकार और न्यायपालिका को साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार और न्यायपालिका के संयुक्त प्रयास से देश में लंबित मामलों की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी।

न्याय में देरी, न्याय से इनकार करना: रिजिजू

रिजिजू ने आगे कहा, "आज कुल लंबित मामलों की संख्या 4.90 करोड़ है। न्याय में देरी का मतलब न्याय से इनकार करना है। लंबित केसों को कम करने का एकमात्र तरीका सरकार और न्यायपालिका का एक साथ आना है। तकनीक इसमें अहम भूमिका निभाती है।"

जजों को कामकाज के आकलन का सामना नहीं करना पड़ता

इससे पहले, रिजिजू ने सोमवार को कहा कि जज निर्वाचित नहीं होते, इसलिए उन्हें लोगों द्वारा उनके कामकाज के आकलन का सामना नहीं करना पड़ता और लोग उन्हें बदल भी नहीं सकते। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ लोग सरकार और न्यायपालिका के बीच मतभेदों को 'महाभारत' के रूप में दर्शाते हैं, लेकिन यह बिल्कुल भी सच नहीं है। हमारे बीच कोई समस्या नहीं है। चर्चा और बहस लोकतांत्रिक संस्कृति का हिस्सा हैं।

ये भी पढ़ें:

Budget 2023-24: सस्ता बीमा और आयुष्मान भारत की कवरेज बढ़ाने से सबको मिलेगी स्वास्थ्य सुरक्षा

Fact Check: सलमान और सोनाक्षी सिन्हा की शादी का दावा फेक, अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाई गई है वायरल तस्वीर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.