Saji Cherian Resign: संविधान विरोधी बयान देने वाले केरल के मंत्री साजी चेरियन का इस्तीफा, जानिए क्या थी विवादित टिप्पणी
साजी चेरियन ने कहा कि मैंने इस्तीफा दे दिया है और यह मेरा निजी फैसला है। मैंने कभी भी संविधान को बदनाम नहीं किया है। भाषण का एक विशेष हिस्सा लिया गया था और मीडिया ने इसे सीपीआइएम और एलडीएफ को कमजोर करने के लिए गढ़ा था।
तिरुअनंतपुरम, प्रेट्र। संविधान के संबंध में विवादास्पद बयान देने वाले केरल के सांस्कृतिक मामलों और मत्स्य पालन मंत्री साजी चेरियन ने इस्तीफा दे दिया है। इससे पूर्व विपक्षी गठबंधन यूडीएफ (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) ने बुधवार सुबह केरल विधानसभा के बाहर धरना दिया और चेरियन की संविधान विरोधी टिप्पणी के खिलाफ उनके इस्तीफे की मांग की। यही नहीं, राज्य के विभिन्न हिस्सों में भी उनके इस्तीफे की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन हुए थे। बता दें कि साजी ने संविधान को आम लोगों के शोषण और झूठ को बढ़ावा देने वाला बताया था।
बाद में मंत्री और माकपा के वरिष्ठ नेता चेरियन ने मुख्यमंत्री कार्यालय में मीडियाकर्मियों से मुलाकात की और घोषणा की कि उन्होंने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वह विजयन के नेतृत्व वाली दूसरी एलडीएफ (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) सरकार से इस्तीफा देने वाले पहले मंत्री हैं। विपक्ष की ओर से बर्खास्त किए जाने की मांग के बीच चेरियन ने कहा कि मंत्री पद छोड़ना उनका स्वतंत्र फैसला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान का अनादर करने का उनका इरादा कभी नहीं था। संविधान के लिए उनके मन में सर्वोच्च मान-सम्मान है।
चेरियन ने अपनी पत्रकार वार्ता में कहा कि उनके हालिया बयानों की गलत व्याख्या की गई। उन्हें काट-छांटकर प्रचारित-प्रसारित किया गया। परिणामस्वरूप एक गलत संदेश गया कि उन्होंने संविधान का अपमान किया है। उन्होंने कहा, 'मैंने जो कहा था, उसके इस तरह के प्रस्तुतीकरण से मैं आहत हूं। मेरा यह भी मानना है कि इसका उद्देश्य सत्तारूढ़ वाम सरकार को अस्थिर करना था। यह कांग्रेस और भाजपा ही हैं जो संविधान की महिमा को बनाए रखने में कई बार विफल रही हैं।'
साजी के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री तिरुवनचूर राधाकृष्णन ने कहा कि यह उनका संविधान विरोधी भाषण ही था जिसके कारण उनका इस्तीफा हुआ। हालांकि, मीडिया को संबोधित करते हुए अपने इस्तीफे की घोषणा करते समय उन्होंने संविधान के संबंध में दिए गए अपने विवादास्पद बयान के लिए खेद व्यक्त नहीं किया।
संविधान को लेकर यह थी विवादित टिप्पणी
मंत्री साजी चेरियन ने ये कहा था कि हर कोई कहता है कि ये एक अच्छा लिखित संविधान है, लेकिन मैं कहूंगा कि यह देश के लोगों को लूटने के लिए लिखा गया था। इसमें वही है जो अंग्रेजों ने संविधान के रूप में लिखा था। 75 वर्षो से इसका पालन किया जा रहा है।
यहां यह भी बता दें कि सांस्कृतिक मामलों के मंत्री चेरियन के इस्तीफे के लिए बढ़ते दबाव के बीच माकपा के वरीय नेताओं ने बुधवार को एक बैठक भी कि और इसमें वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा हुई। बैठक में मुख्यमंत्री विजयन, राज्य सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन ने भी भाग लिया। हालांकि बैठक के बाद बाहर निकलते वक्त चेरियन ने खुद के इस्तीफा देने के सवाल पर कहा था कि वे क्यों इस्तीफा दें, मगर ये बात अलग है कि इसके कुछ समय बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।