केरल बाढ़: सीएम विजयन ने की विदेश में रह रहे तमिल समुदाय से मदद की अपील
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने दुनिया भर में रह रहे मलयाली समुदाय के लोगों से मदद की अपील की है।
तिरुवनंतपुरम, जेएनएन। केरल में इस बार कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया कि जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ ने सैकड़ों जानों को नुकसान पहुंचाया। हालांकि, कई दिनों बाद अब राज्य में मौसम सामान्य हो गया है। लेकिन, बाढ़ से हुई तबाही के बाद स्थिति को सामान्य बनाना सबसे बड़ी चुनौती है। इसको लेकर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने दुनिया भर में रह रहे मलयाली समुदाय के लोगों से मदद की अपील की है।
केरल के पुननिर्माण कार्यों के लिए राज्य के मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है। सीएम पिनराई विजयन ने दुनिया भर में रह रहे मलयाली लोगों से एक दिन की सैलरी दान देने की अपील की है। विजयन ने कहा कि जो व्यक्ति एक महीने की सैलरी नहीं दे सकते हैं वो टुकड़ों या फिर एक दिन की सैलरी दान कर सकते हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बाढ़ प्रभावित केरल के लिए 600 करोड़ रूपये की अग्रिम सहयता राशि दी है। इसके आलावा लगभग सभी राज्यों ने केरल को बाढ़ से उबारने के लिए सहायता राशि दी है। केरल के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से 2600 करोड़ रूपये की मदद की मांग की है। उन्होंने राज्य में बाढ़ की वजह से 20,000 रूपये के नुक्सान का अनुमान लगाया है।
गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री ने इस सप्ताह के शुरू में कहा था कि यूएई ने केरल को 700 करोड़ की सहायता देने का फैसला लिया है। हालांकि यूएई ने केरल को बाढ़ राहत राशि ऑफर देने के दावे को खारिज कर दिया था। यूएई का कहना था कि राशि और मदद के तरीके पर कुछ तय नहीं हो सका है। इसके बारे में हमने आधिकारिक रूप से न ही कुछ कहा है और भारत सरकार को कोई पेशकश भी नहीं की है।
400 से ज्यादा की मौत, कई लापता
केरल के मुख्यमंत्री ने बताया की राज्य में भारी बारिश और बाढ़ से 417 लोगों की जान जा चुकी है और अभी तक 36 लोग लापता हैं। उन्होंने बताया कि आठ अगस्त से शुरू हुई दूसरे दौर की बारिश से 265 लोगों की मौत हुई। अन्य मौतें इससे पहले 29 मई के बाद हुई हैं। 2787 राहत शिविरों में कुल 8.69 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। करीब 7000 घर ध्वस्त हो गए हैं और 50,000 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने बाढ़ से प्रभावित लोगों से उन्हें हुई क्षति का ब्योरा सरकार को सौंपने के लिए कहा है।