करणी सेना भंसाली की मां पर फिल्म बनाएगी, नाम होगा 'लीला की लीला'
फिल्म पद्मावत के विरोध में राजस्थान में कई जगह प्रदर्शन और तोड़फोड़ की गई।
नरेन्द्र शर्मा, जयपुर। राजपूत करणी सेना ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली से फिल्म "पद्मावत " का बदला अब अलग तरीके से लेने का ऐलान किया है। करणी सेना अब फिल्म के बदले फिल्म बनाएगी और यह फिल्म भंसाली की मां पर आधारित होगी । गुरूवार को चित्तौड़गढ़ में करणी सेना ने ऐलान किया कि हमारी फिल्म का नाम "लीला की लीला" होगा। भंसाली की मां का नाम लीला है।
फिल्म के निर्माण में होने वाला खर्च समाज वहन करेगा
करणी सेना के कार्यकर्ता अरविंद व्यास के निर्देशन में यह फिल्म बनाई जाएगी। इसकी शूटिंग राजस्थान और मुम्बई में होगी। फिल्म के निर्माण में होने वाला खर्च समाज वहन करेगा। व्यास ने बताया कि इस फिल्म के जारी होने के बाद भंसाली को नारी के अपनाम का पता चलेगा। इधर "पद्मावत " के विरोध में करणी सेना और राजपूत सभा सहित विभिन्न संगठनों के आह्वान पर गुरूवार को राजस्थान में अधिकांश शहर और कस्बें बंद रहे। हालांकि शाम को बाजार खुल गए। करणी सेना के कार्यकर्ता सुबह से ही सड़कों पर उतर आए। फिल्म का विरोध कर रहे लोगों ने जयपुर में भवानी निकेतन स्कूल से राजपूत सभा भवन तक शांति मार्च निकाला। इसका नेतृत्व राजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने किया। इस दौरान कुछ लोग पैदल चल रहे थे तो कुछ लोग दुपहिया और चौपहिया वाहनों में सवार थे। लोटवाड़ा ने इसे शांति मार्च का नाम दिया,लेकिन कार्यकर्ताओं ने भंसाली,सरकार और फिल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी के खिलाफ नारेबाजी की।
सिरोही में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही शुरू कर दिया उत्पात मचाना
हालांकि इन्होंने पुलिस से किए वादे के अनुसार किसी प्रकार का उपद्रव नहीं किया। उदयपुर में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने जमकर उत्पात मचाया। यहां जबरन दुकानें बंद कराने के साथ ही वाहनों में तोड़फोड़ की । कुछ उत्पाती युवकों ने दुकानों से सामान बाहर निकालकर सड़क पर फेंक दिए। चित्तौडगढ़-उदयपुर हाईवे और उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे को जाम किया,जिसे पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद खुलवाया। उदयपुर शहर में कई स्थानों पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किए गए। सिरोही में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही उत्पात मचाना शुरू कर दिया। इनकी पुलिस के साथ कई बार झड़प भी हुई। हंगामा कर रहे कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिए पुलिस ने दो बार लाठीचार्ज भी किया। जैसलमेर में पुलिस और करणी सेना के कार्यकर्ताओं के बीच संघर्ष हुआ। यहां कार्यकर्ताओं ने जबरन बाजार बंद कराए और राहगिरों के साथ मारपीट की।
चित्तौड़गढ़ में गुरूवार को फिर महिलाएं जौहर के लिए निकली,लेकिन पुलिस ने इन्हे रास्ते में ही रोक लिया। यहां बाजार बंद रहे और यातायात के साधन भी नहीं चले। डूंगरपुर,बांसवाड़ा,माउंट आबू,सीकर,झुंझुनू सहित कई जिला मुख्यालयों एवं कस्बों में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने बंद का आह्वान किया था। इन शहरों और कस्बों में गुरूवार को बाजार नहीं खुले,इस कारण आम जन-जीवन अस्तव्यस्त हो गया। जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर भी कुछ स्थानों पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस कारण कुछ देर के लिए यातायात जाम रहा।
आरएसएस ने लोगों से फिल्म का तिरस्कार करने का आग्रह
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ( आरएसएस ) के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के संघ चालक डॉ.भगवती प्रकाश का कहना है कि पद्मावत फिल्म निर्माता को समय रहते अपने कदम पीछे पीछे खींच लेने चाहिए। उन्होंने सिनेमाघरों के प्रबंधकों और आम लोगों से फिल्म का तिरस्कार करने का आग्रह किया है। भगवती प्रकाश ने एक बयान में कहा कि विवादास्पद,काल्पनिक और अपुष्ट जानकारियों के आधार पर फिल्म प्रदर्शन कर जन भावनाओं को आहत करना बिल्कुल ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सद्भावना को बिगाड़ने का प्रयास चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि अल्लाउद्दीन खिलजी ने गुजरात, सूरत, सोमनाथ, खम्भाता, जैसलमेर, उज्जैन, दवगिरी, चित्तौड़गढ़, तेलंगाना, रणथम्भौर सहित कई राज्यों को लूटा और हजारों वीरों एवं स्त्रियों को बंदी बनाया। रणथम्भौर में रानी रंगदे सहित कई विरांगनाओं और चित्तौड़गढ़ में रानी पद्मनी कई विरांगनाओं ने अग्नि में जौहर किया । चित्तौड़गढ़ पर अधिकार के बाद 30 हजार वीरो का कत्ल करवाया था ।