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लोकसभा के चुनाव नतीजों पर टिकी हैं कर्नाटक की नजरें, पासा पलटने को तैयार हैं कई दिग्गज

भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर का दावा है कि प्रदेश में कांग्रेस -जदएस गठबंधन के ऐसे कई सदस्य हैं जो नाता तोड़कर भाजपा के साथ खड़े होने के इच्छुक हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 06:09 AM (IST)Updated: Mon, 20 May 2019 06:09 AM (IST)
लोकसभा के चुनाव नतीजों पर टिकी हैं कर्नाटक की नजरें, पासा पलटने को तैयार हैं कई दिग्गज
लोकसभा के चुनाव नतीजों पर टिकी हैं कर्नाटक की नजरें, पासा पलटने को तैयार हैं कई दिग्गज

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र में राजग सरकार के गठन की दशा में कर्नाटक में इसके सीधे असर को लेकर चल रही अटकलें पूरी तरह बेबुनियाद नहीं कही जा सकती है। भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर का दावा है कि प्रदेश में कांग्रेस -जदएस गठबंधन के ऐसे कई सदस्य हैं जो नाता तोड़कर भाजपा के साथ खड़े होने के इच्छुक हैं। जबकि सरकार में मंत्री जीटी देवेगौड़ा समेत कई कांग्रेस विधायक खुलेआम भाजपा का प्रचार कर चुके हैं। ऐसे में पहला मौका मिलते ही वह अपनी पार्टी से नाता तोड़कर भाजपा मे आ सकते हैं।

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कर्नाटक में सरकार गठन को लगभग एक साल हो चुका है और इस दौरान आपसी घमासान हमेशा हावी रहा है। मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी भी दोनों दलों के बीच बयानबाजी तेज है। कर्नाटक चुनावी जिम्मेदारी संभाल चुके राजीव चंद्रशेखर ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि जो अटकलें लगाई जा रही हैं वह निर्मूल नहीं है और यह छिपा हुआ भी नहीं है।

भाजपा अपनी ओर से किसी को तोड़ने की कोशिश नहीं कर रही है लेकिन दूसरी ओर घमासान है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को हराने वाले जदएस के मंत्री जीपी देवेगौड़ा सार्वजनिक रूप से कह चुके हैं कि लोकसभा में उनके समर्थकों ने भाजपा को वोट दिया है।

चंद्रशेखर ने कहा कि कोलार जैसी सीटें जहां भाजपा आजतक नहीं जीती है वहां भी कांग्रेस के ही विधायकों और नेताओं ने पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ काम किया है। ऐसे लोगों की संख्या काफी है। दरअसल खुद की प्रतिष्ठा का ध्यान रखने वाला कोई भी नेता कांग्रेस और जदएस में नहीं रह सकता है।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कर्नाटक भाजपा के लिए प्रो इनकंबैंसी का बड़ा उदाहरण बनेगा। वहीं लोगों में भी यह भावना है कि राज्य में कांग्रेस और जदएस ने मिलकर जनादेश चुराया है और गलत तरीके से सरकार बनाई है। इसीलिए एक तरफ जनता ने भाजपा के लिए खुलकर वोट किया वहीं सत्ताधारी विधायक जनता के मन को भाप चुके हैं। ु23 को चुनावी नतीजे के साथ ही कर्नाटक में भी असर दिख सकता है।

गौरतलब है कि 225 सीटों वाली कर्नाटक विधानसभा में भाजपा के 104 विधायक है जबकि कांग्रेस के 77 और जदएस के 37 विधायक। बसपा, केपीजेपी और निर्दलीय के खाते से एक एक विधायक हैं और दो सीटें रिक्त हैं।

इन दो सीटों के लिए उपचुनाव हुए हैं नतीजे 23 मई को ही आएंगे। इनमें से एक सीट चिंचोली है जहां से कांग्रेस विधायक ने ही सीट खाली कर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे को चुनौती दी थी। बहुत कुछ इन दो सीटों के नतीजों पर भी निर्भर करेगा।

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