Karnataka Crisis: कर्नाटक की गूंज संसद से सुप्रीम कोर्ट तक, जानिए- दिनभर क्या हुआ
Karnataka Crisis विधानसभा अध्यक्ष की ओर से इस्तीफे पर त्वरित सुनवाई न करने और पक्षपात करने के विधायकों के आरोपों पर गुरुवार को कोर्ट सुनवाई करेगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले दो दिनों से संसद की कार्यवाही पर हावी हो रहा कर्नाटक विवाद अब सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से इस्तीफे पर त्वरित सुनवाई न करने और पक्षपात करने के विधायकों के आरोपों पर गुरुवार को कोर्ट सुनवाई करेगा।
विधानसभा अध्यक्ष नहीं स्वीकार कर रहे हैं इस्तीफा
जाहिर है कि कर्नाटक विवाद और कितने दिन चलेगा या फिर वर्तमान राज्य सरकार के भविष्य की दिशा क्या होगी यह बहुत कुछ गुरुवार को ही कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा। चार दिन पहले कांग्रेस -जदएस के 13 विधायकों ने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। एक सदस्य ने कुछ दिन पहले ही इस्तीफा दिया था। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहकर असमंजस बढ़ा दिया कि इस्तीफा देने वाले 13 सदस्यों में से नौ का इस्तीफा प्रारूप के अनुरूप नहीं है। उन्होंने विधायकों को पेश होने को कहा है।
10 विधायकों ने सुप्रीम में की अपील
ऐसे में मुंबई के होटल में रुके दस विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात करने का आरोप लगाया और कहा कि जानबूझकर इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है ताकि अल्पमत में आई सरकार को बचाया जा सके। विधायकों ने मांग की कि स्पीकर को आदेश दिया जाए कि इस्तीफा स्वीकार करें। याचिका में यह भी कहा गया कि कांग्रेस ने इन विधायकों की सदस्यता निरस्त करने की मांग की है लेकिन इसकी जरूरत नहीं है क्योंकि विधायकों ने खुद ही इस्तीफा दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ से कहा कि ऐसे मामलों में वक्त की बहुत अहमियत होती है। शुक्रवार से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। पीठ ने तत्काल तो सुनवाई नहीं की लेकिन गुरुवार के लिए सुनवाई लिस्ट हो गई है।
संसद के दोनों सदनों में कर्नाटक की गूंज
इस बीच संसद में कर्नाटक की गूंज जारी है। दोनों सदनों में कांग्रेस व विपक्षी सदस्यों ने सरकार और भाजपा पर हमला किया और कहा कि कर्नाटक में विधायकों की खरीद फरोख्त की जा रही है। इसीलिए मुंबई को होटल में टिके दस विधायकों से मिलने से कांग्रेस नेता डी शिवकुमार को रोका जा रहा है। गौरतलब है कि मुंबई के उक्त होटल ने शिवकुमार का रिजर्वेशन रद कर दिया था और उन्हें होटल के अंदर भी नहीं जाने दिया गया। कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए कर्नाटक के भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि उन विधायकों ने शिवकुमार से खुद को खतरा बताया है इसीलिए उन्हें नहीं मिलने दिया जा रहा है।
भाजपा ने कहा कर्नाटक संकट का पार्टी से कोई लेना देना नहीं
इसके अलावा भाजपा का इस संकट से कोई लेना देना नही हैं। कांग्रेस और जदएस खुद का घर नहीं संभाल पा रही है और भाजपा पर दोषारोपण कर रही है। फिलहाल जो स्थिति है उसमें अगर कांग्रेस जदएस के 14 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो उनकी संख्या भाजपा के 105 की संख्या से कम हो जाएगी। अभी तक राज्यपाल की ओर से कोई नया निर्देश नहीं आया है। अगर उनकी ओर से सदन के पटल पर बहुमत साबित करने का आदेश आया तो सरकार की परेशानी और बढ़ जाएगी।
कर्नाटक में दो और कांग्रेस विधायकों ने दिए इस्तीफे
कर्नाटक में कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार को एक और झटका लगा है। बुधवार को कांग्रेस के दो और विधायकों एमटीबी नागराज और के. सुधाकर ने भी इस्तीफा दे दिया जिससे गठबंधन के बागी विधायकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। इनमें 13 कांग्रेस और तीन जदएस के हैं। एमटीबी नागराज प्रदेश के आवासीय मंत्री और के. सुधाकर राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन भी थे।
दोनों विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के चैंबर में जाकर अपने इस्तीफे सौंपे। विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने दोनों विधायकों द्वारा इस्तीफा देने की पुष्टि की है। बाद में पत्रकारों से बातचीत में नागराज ने कहा कि राजनीति से उनका मन उकता गया है, वह कोई मंत्री पद या कुछ और नहीं लेना चाहते, वह अब सार्वजनिक जीवन से रिटायर होना चाहते हैं।
हिरासत में लिए गए आजाद, वेणुगोपाल
वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, केसी वेणुगोपाल और कई अन्य पार्टी नेताओं को राजभवन के निकट विरोध मार्च निकालने पर बुधवार को हिरासत में ले लिया गया। वे भाजपा और केंद्र सरकार द्वारा कर्नाटक की 13 माह पुरानी कांग्रेस-जदएस सरकार गिराने की कोशिशों का विरोध कर रहे थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कड़ी सुरक्षा वाले इस क्षेत्र में निषेधाज्ञा लगी होने की वजह से इन नेताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया।
भाजपा ने मांगा कुमारस्वामी का इस्तीफा
भाजपा की कर्नाटक इकाई ने भी बुधवार को विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी का कहना है कि बागी विधायकों के इस्तीफों से कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार अल्पमत में आ गई है, लिहाजा मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को इस्तीफा दे देना चाहिए।
विधानसभा का गणित
राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 113 का है। इसमें विधानसभा अध्यक्ष के अलावा कांग्रेस के 78, जदएस के 37 और बसपा का एक विधायक है। इस तरह गठबंधन विधायकों की कुल संख्या 116 है। दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन से भाजपा की संख्या 107 तक पहुंच गई है। अगर बागी 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर हो गए तो गठबंधन विधायकों की संख्या घटकर 100 रह जाएगी।