Karnataka crisis: सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाने के प्रस्ताव को बागी विधायकों ने किया खारिज
Karnataka crisis बेंगलुरू के रमाडा होटल में रविवार रात भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई। दो निर्दलीय विधायक एच नागेश और आर शंकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं।
बेंगलुरु, प्रेट्र। कर्नाटक में डूबने के कगार पर बैठी एचडी कुमारस्वामी की अगुआई वाली कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार के भविष्य का फैसला सोमवार को हो सकता है। रविवार को 15 विद्रोही विधायकों और दो निर्दलीय ने सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर कर सोमवार शाम पांच बजे तक विश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने का निर्देश देने की मांग की है।
भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने बेंगलुरु में बैठकें की हैं। राज्यपाल के निर्देशों की उपेक्षा करने के बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित की गई है। पिछले तीन सप्ताह से जारी सत्ता संघर्ष ने राज्य में संवैधानिक संकट का खतरा पैदा कर दिया है।
उधर, कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने कहा है कि यह अफवाह है कि जनता दल (सेक्युलर) पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया से संपर्क किया है। यह गलत अफवाह है। ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है।
वहीं मुंबई में रह रहे कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायकों ने कहा कि हम यहां किसी इरादे से नहीं आए हैं लेकिन हम कांग्रेस-जेडीएस सरकार को सबक सिखाना चाहते हैं। हम यहां पैसा या किसी दूसरी चीज के लिए नहीं आए हैं। सब कुछ ठीक होने के बाद हम बेंगलुरु वापस जाएंगे।
मुंबई से विडियो रिलीज कर बागी विधायक बिराथी बसवराज ने कहा कि हमारे आत्मसम्मान को चोट पहुंची है। यदि अब सिद्धारमैया भी सीएम बनते हैं, तब भी अब हमारी वापसी की कोई उम्मीद नहीं है।
रिपोर्ट है कि मुख्यमंत्री द्वारा गुरुवार को पेश विश्वास मत प्रस्ताव पर सरकार अभी भी बहस को लंबा खींचने का प्रयास कर रही है। उसे सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। कुमारस्वामी और कांग्रेस ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर राज्यपाल पर विश्वास मत पर चर्चा के दौरान विधानसभा की कार्यवाही में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। दोनों ने शीर्ष कोर्ट से 17 जुलाई को दिए गए आदेश को स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इससे विधायकों के लिए व्हिप जारी करने में रुकावट पैदा हो गई है।
शुक्रवार को पहली समयसीमा समाप्त होने के बाद सत्ताधारी गठबंधन ने आक्रामक तरीके से इस तरह का निर्देश जारी करने की राज्यपाल की शक्ति पर सवाल उठाया। कुमारस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्यपाल विधायिका के प्रशासक की तरह काम नहीं करेंगे।
इन घटनाक्रमों के बाद भी शुक्रवार को सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने गठबंधन से भरोसा लिया कि सोमवार को विश्वास मत पर फैसला हो जाएगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि किसी भी परिस्थिति में यह और लंबा नहीं खिंचेगा।
फिर भी राजनीतिक दायरे में यह सवाल बना हुआ है कि क्या सोमवार को विश्वास मत पर मतदान हो जाएगा और क्या सरकार और देरी नहीं करने का अपना वादा निभा पाएगी? यदि सत्ताधारी गठबंधन ने सोमवार को भी प्रक्रिया में रुकावट पैदा करने की कोशिश की तो उस स्थिति में राज्यपाल के अगले कदम पर निगाहें रहेंगी।
विश्वास मत में हो रही देरी को सत्ताधारी गठबंधन द्वारा विद्रोहियों को वापस लाने के लिए समय जुटाने के रूप में देखा जा रहा है। विद्रोही विधायकों को सत्ताधारी गठबंधन का शिकार बनने से बचाने के लिए मुंबई ले जाया गया है। सूत्रों के मुताबिक, इस दिशा में प्रयास भी किए गए लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकल पाया है। विद्राहियों में से 13 विधायकों ने एकजुट रहने का दावा किया है। उन्होंने साफ किया है कि वह अपने इस्तीफे पर कायम हैं और वापस लौटने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
मतदान हुआ तो जाएगी सरकार : येद्दयुरप्पा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येद्दयुरप्पा ने रविवार को भरोसा जताया कि सोमवार का दिन कुमारस्वामी की अगुआई वाली गठबंधन सरकार का अंतिम दिन होगा। उन्होंने कहा कि सिद्दरमैया, विधानसभा अध्यक्ष और कुमारस्वामी ने कहा है कि वे सोमवार को बहुमत साबित करेंगे तो ऐसी स्थिति में 100 फीसद भरोसा है कि इस नाटक का पटाक्षेप हो जाएगा। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दो कांग्रेस विधायक अस्वस्थ होने के कारण नहीं आएंगे और ऐसी स्थिति में गठबंधन की संख्या 98 रह जाएगी।
बसपा विधायक लेंगे भाग
विधानसभा में बसपा के एकमात्र विधायक महेश सोमवार को विश्वास मत पर मतदान में भाग लेंगे। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उन्हें गठबंधन के पक्ष में मतदान करने का निर्देश दिया है। पहले की खबरों में बताया गया था कि बसपा विधायक विश्वास मत पर मतदान से दूर रहेंगे।