कुमारस्वामी का छलका दर्द, कहा-हमारे साथ ‘थर्ड क्लास’ नागरिक जैसा व्यवहार न करे कांग्रेस
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी के साथ ‘थर्ड क्लास नागरिकों’ जैसा व्यवहार न किया जाए।
बेंगलुरु, प्रेट्र। कर्नाटक में सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगियों कांग्रेस और जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) के बीच लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे से पहले मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी के साथ ‘थर्ड क्लास नागरिकों’ जैसा व्यवहार न किया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए दोनों दलों को लेन-देन की नीति अपनानी होगी। मालूम हो कि गठबंधन सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे के लिए बातचीत से पहले कांग्रेस में अंदरूनी दबाव है कि वह जेडीएस के सामने ज्यादा न झुके। वहीं, मुख्यमंत्री कुमारस्वामी का कहना है कि दोनों पक्षों में किसी को भी संकीर्णता नहीं दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्ता विरोधी लहर के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा घट रहा है।
पीएम प्रत्याशी के लिए राहुल को समर्थन
प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम सुझाते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि भाजपा विरोधी दलों में हालांकि राहुल के नाम को लेकर अभी तक सहमति नहीं है। सीट बंटवारे पर बातचीत असफल रहने पर क्या जेडीएस अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी, यह पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारी समझ से हम दोनों को लोकसभा चुनाव साथ लड़ना चाहिए। क्योंकि (कर्नाटक में) सरकार बनाने का कारण भाजपा को सत्ता में आने से रोकना और देश में माहौल को बेहतर बनाना था।’
कांग्रेस राह भटकी तो उसे पता है क्या होगा
कुमारस्वामी ने कहा कि दक्षिण भारतीय राज्य में गठबंधन सरकार के गठन के बाद से देश के राजनीतिक परिदृश्य में बहुत बदलाव आए हैं। भाजपा का पराभाव हो रहा है, कुछ उपचुनावों और तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली है। उन्होंने कहा, ‘मेरे विचार में अगर कांग्रेस राह भटक जाती है और अतिविश्वास के साथ आगे बढ़ती है तो क्या होगा, उन्हें पता है, अपने अतीत के अनुभवों से वह सब कुछ जानते हैं। मुझे नहीं लगता है कि वह इसे भूलेंगे।’
28 में से 12 सीटों की मांग
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उन्हें हमारे साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए। यहां नीति लेन-देन की होनी चाहिए।’ बता दें कि जेडीएस ने प्रदेश की 28 संसदीय सीटों में से 12 की मांग रखी है जिस पर कांग्रेस को आपत्ति है। 2014 के आम चुनावों में राज्य में भाजपा को 17, कांग्रेस को नौ और जेडीएस को दो सीटें मिली थीं। लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक में सीटों का बंटवारा गठबंधन के लिए अग्निपरीक्षा होगा। खास तौर से पुराने मैसूरू की सीटों पर जहां वोक्कालिगा समुदाय पर जेडीएस की पकड़ मजबूत है। जबकि इन सीटों पर फिलहाल कांग्रेस के सांसद हैं।
देवेगौड़ा ने सुझाया, दो-एक का फॉर्मूला
कुमारस्वामी ने कहा, ‘हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष (एचडी देवेगौड़ा) को लगता है कि सरकार बनने के बाद हर बात में दो-तिहाई (कांग्रेस) और एक-तिहाई (जेडीएस) का फॉमरूला अपनाया जा रहा है, जैसा कि मंत्रलयों और बोर्ड कॉरपोरेशनों की नियुक्तियों में हुआ है। 28 सीटें हैं उन्हें दो-तिहाई लेनी चाहिए और हमें एक-तिहाई देना चाहिए। मेरा यही विचार है और मुझे लगता है कि वह इसे स्वीकार करेंगे।’
सीट बंटवारे की वार्ता के दौरान ऐसे बयान आते हैं: पवन खेड़ा
नई दिल्ली, प्रेट्र : कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के उक्त बयान के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी बयान की जानकारी नहीं है। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा, ‘जब वार्ता चल रही हो तो ऐसी चीजें होती हैं। यह बातचीत की प्रक्रिया है.. इस प्रक्रिया में हमें ऐसी चीजें सुनने को मिलती हैं। आप शिवसेना को देखिए, वे भाजपा के खिलाफ हर तरह के बयान दे रहे हैं।’