कर्नाटक के सीएम ने दिए मतांतरण विरोधी विधेयक लाने के संकेत, आज से शुरू हो रहा विधानसभा का शीतकालीन सत्र
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने रविवार को संकेत दिए कि मतांतरण विरोधी विधेयक के मसौदे को जल्द ही राज्य कैबिनेट स्वीकृति प्रदान करेगी और इसे बेलगावी में विधानसभा के शीत सत्र में पेश किया जा सकता है।
हुबली, पीटीआइ। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने रविवार को संकेत दिए कि मतांतरण विरोधी विधेयक के मसौदे को जल्द ही राज्य कैबिनेट स्वीकृति प्रदान करेगी और इसे बेलगावी में विधानसभा के शीत सत्र में पेश किया जा सकता है। 13 दिसंबर से शुरू हो रहे सत्र के दौरान ही कैबिनेट की बैठक होने की संभावना है। पत्रकारों से बातचीत में बोम्मई ने कहा, 'बहुसंख्यक लोग मतांतरण पर प्रतिबंध चाहते हैं। कानून विभाग इसकी (मसौदा विधेयक) समीक्षा कर रहा है।
समीक्षा के बाद कैबिनेट इसे मंजूरी प्रदान करेगी। पूरी संभावना है कि कानून विभाग द्वारा प्रस्तावित मसौदा नियम मंजूर हो जाएंगे और यह विषय (विधानसभा सत्र में) चर्चा के लिए आ सकता है।' उन्होंने दावा किया कि मतांतरण समाज के लिए सही नहीं है और वंचित वर्ग के लोगों को इसका शिकार नहीं बनना चाहिए। इसीलिए उनकी सरकार मतांतरण विरोधी कानून लाने की कोशिश कर रही है ताकि लोगों को परिवार में मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी धार्मिक समुदाय के लोगों को मतांतरण विरोधी कानून के संबंध में घबराने की जरूरत नहीं है। हिंदुओं, ईसाइयों, मुस्लिमों और सिखों को संविधान में मान्यता दी गई है और लोगों के अपने धर्म का पालन करने या उसके मुताबिक प्रार्थना करने में कोई समस्या नहीं है। मतांतरण कराने के लिए किसी की गरीबी का फायदा उठाकर लुभाने की गुंजाइश नहीं है।
वहीं कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने कहा है कि वह 10 दिवसीय सत्र के दौरान उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा के लिए दो दिन निर्धारित करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि सत्र में पूरे कर्नाटक के लोगों की समस्याओं पर चर्चा होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों का जवाब देगी। उन्होंने कहा- मैं उम्मीद करता हूं कि विधानसभा की कार्यवाही सार्थक होगी। यही नहीं इसके परिणाम लोगों के हित में आएंगे।