कर्नाटक: सुप्रीम कोर्ट से चुनाव लड़ने की मिली अनुमति, कल भाजपा में शामिल होंगे 17 बागी विधायक
सुप्रीम कोर्ट से चुनाव लड़ने की अनुमति मिलने ने बाद 17 बागी विधायक गुरूवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे।
बैंगलुरू, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कर्नाटक के 17 अयोग्य विधायकों को बड़ी राहत दी। कोर्ट से राहत मिलने के बाद सभी विधायक भाजपा में शामिल होंगे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि सभी 17 विधायक गुरूवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा 17 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के फैसले को सही ठहराया, लेकिन कोर्ट ने सभी विधायको को राज्य में आगामी उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी है। विधायकों ने विधानसभा स्पीकर पर उन्हें अयोग्य ठहराने को लेकर चुनौती दी थी।
अयोग्य विधायक बन सकते हैं मंत्री
न्यायमूर्ति एन वी रमना, संजीव खन्ना और कृष्ण मुरारी की तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने अपने फैसले में कहा कि कहा कि उपचुनावों में चुने जाने पर अयोग्य विधायक मंत्री बन सकते हैं या सार्वजनिक पद पर आसीन हो सकते हैं।
कोर्ट के फैसले का स्वागत
बागी विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि हम सभी 17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा, 'अब सभी 17 विधायक चुनाव लड़ सकते हैं। कल से हम सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए टिकट आवंटित करने जा रहे हैं।
ये विधायक भाजपा में होंगे शामिल
भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में कांग्रेस के प्रताप गौडा पाटिल, बीसी पाटिल, शिवराम हैब्बर, एसटी सोमशेखर, ब्यराति बासवराज, आनंद सिंह, आर रोशन बेग, मुनिरत्ना, के सुधाकर, एमटीबी नागराज, श्रीमंत पाटिल, रमेश जार्किहोली, महेश कुमाताहल्ली और आर शंकर और जेडीएस के एएच विश्वनाथ, गोपालैयाह और नारायण गौडा हैं।
14 कांग्रेस और 3 जेडीएस के विधायक
बता दें कि कांग्रेस और जेडीएस विधायकों को जुलाई में तत्कालीन विधानसभा के स्पीकर ने दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके अवाला उनके वर्तमान विधानसभा चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई थी। अयोग्य घोषित किए गए 17 विधायकों में 14 कांग्रेस और 3 जेडीएस के विधायक थें।
5 दिसंबर को उपचुनाव
गौरतलब है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने विश्वास मत खोने के बाद इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनी। विधायकों की अयोग्यता के बाद खाली हुई 17 विधानसभा सीटों में से 15 के लिए उपचुनाव 5 दिसंबर को होना है। उम्मीदवारों को 11 नवंबर से 18 नवंबर के बीच अपना नामांकन पत्र दाखिल करना है।