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कर्नाटक में बचेगी या जाएगी कांग्रेस-JDS की सरकार, जानें राज्य का पूरा सियासी गणित

कर्नाटक में चल रहे सियासी बवाल में पल-पल समीकरण बदल रहे हैं। इसी बीच जानें राज्य का पूरा सियासी गणित। क्या बच पाएगी गठबंधन की सरकार।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 12:00 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jul 2019 12:38 PM (IST)
कर्नाटक में बचेगी या जाएगी कांग्रेस-JDS की सरकार, जानें राज्य का पूरा सियासी गणित
कर्नाटक में बचेगी या जाएगी कांग्रेस-JDS की सरकार, जानें राज्य का पूरा सियासी गणित

नई दिल्ली, जेएनएन।  कर्नाटक में इन दिनों सियासी उठा पटक काफी तेज हो गई है। राज्य में पल-पल सियासी समीकरण बदल रहे हैं। एक बार फिर कुमारस्वामी की सरकार पर गहरा संकट मंडरा रहा है। कांग्रेस-जेडीएस के 11 विधायकों द्वारा अपने पद से इस्तीफ देने के बाद अब कांग्रेस जेडीएस और भाजपा विधायकों की संख्या बराबर हो गई है। तो चलिए कर्नाटक में चल रहे इस नाटक के बीच जानते है, आखिर अब राज्य में किस तरह की परिस्थितियां बन सकती हैं और बहुमत का मैथमेटिक्स क्या है।

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राज्य की हालिया स्थिति समझने के लिए सबसे पहले नंबरों का खेल जानना बेहद जरुरी है। 

224 सदस्यों वाली विधानसभा में जब तक कांग्रेस और जेडीएस विधायकों ने इस्तीफा नहीं दिया था तब तक गठबंधन के पास 118 विधायक थे। जिनमें से कांग्रेस के 79, जेडीएस के 37 और दो निर्दलीय विधायक थे। गठबंधन सरकार के पास 118 विधायकों का समर्थन था। जबकि, बहुमत का आकंड़ा 113 है। लेकिन, शनिवार को हुई सियासी उठा पटक के बाद 213 सदस्यों के सदन में बहुमत का आंकड़ा घटकर 107 पहुंच गया है। मालूम हो की भाजपा के पास भी 105 विधायक हैं। मतलब साफ है कि अब कांग्रेस जेडीएस और भाजपा के बीच टाई की स्थिति है। जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं किए गए हैं। लेकिन, यदि इन इस्तीफों को स्वीकार कर लिया जाता है तो बहुमत हासिल करने के लिए एक-एक विधायक का वोट बेहद महत्वपूर्ण हो जाएगा। 

स्वीकार हुआ इस्तीफे तो कैसी रहेगी तस्वीर 

अब यदि स्पीकर इन 11 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लेते हैं तो कुमारस्वामी की सरकार गिर जाएगी। इसके बाद भाजपा के पास यह विकल्प रहेगा की या तो वह कांग्रेस-जेडीएस के बाकी विधायकों के इस्तीफे दिलाकर सरकार बना लें। इसी के साथ जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया है वह उपचुनाव में बीजेपी के समर्थन से जीत हासिल कर लें। 

अब यदि स्पीकर विधायकों का इस्तीफा स्वीकार करने से मना कर दें तो भाजपा के पास विकल्प होगा की वह इसके खिलाफ कार्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। हालांकि, तब कांग्रेस-जेडीएस को बागी विधायकों को मनाने के लिए काफी समय मिल जाएगा। 

इस तरह टल सकता है गठबंधन सरकार का संकट 
एचडी कुमारस्वामी यदि बागी नेताओं को कैबिनेट में जगह दें तो उनके मानने की उम्मीदें है। इससे फायदा यह होगा की फिलहाल कुछ वक्त के लिए गठबंधन सरकार पर आया यह संकट टल जाएगा।

कांग्रेस और जेडीएस के पास यह एक और विकल्प
कांग्रेस और जेडीएस के पास एक विकल्प यह है कि कांग्रेस और जेडीएस या तो बारी बारी से मुख्यमंत्री बनाने के लिए मान जाएं। दरअसल जिन भी कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दिया है उनमें से एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व का विरोध किया है।  


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