शिवराज सरकार पर कमल नाथ का तंज, कहा- मजदूर मंजिल पाने को मजबूर; सरकार की झूठी हमदर्दी
कमल नाथ ने ट्वीट कर मध्य प्रदेश सरकार की कार्रवाई की आलोचना की। कमल नाथ ने कहा है कि मजदूरों के लिए सरकार की तरफ से भोजन खाने पीने रहने-ठहरने व साधन का कोई इंतजाम नहीं है।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी और लॉकडाउन से परेशान होकर अपने घरों की तरफ जा रहे मजदूरों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि मजदूर बेबस है और भूखे-प्यासे अपने मंजिल की तरफ जाने को मजबूर है। सरकार झूठे आंकड़ों से उनको लेकर झूठी हमदर्दी दिखा रही है।
कमल नाथ ने सोमवार को ट्वीट कर मध्य प्रदेश सरकार की कार्रवाई की आलोचना की। कमल नाथ ने कहा है कि मजदूरों के लिए सरकार की तरफ से भोजन, खाने, पीने, रहने-ठहरने व साधन का कोई इंतजाम नहीं है। भीषण गर्मी व सड़क दुर्घटनाओं में मौतों का सिलसिला जारी है।
मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश का कोई भी मंत्री अभी तक नहीं पहुँचा बेबस-लाचार मज़दूरों की सुध लेने।
सारे ज़िम्मेदार नदारद , सारे निर्देश हवा-हवाई।
प्रदेश की सीमाएँ , प्रमुख मार्ग अभी भी भरे पड़े है आने-जाने वाले मज़दूरों से।
1/3— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) May 11, 2020
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बेपरवाह है और झूठे आंकड़े देकर हमदर्दी दिखा रही है जबकि धरातल पर कोई इंतजाम नहीं है। प्रदेश की सीमाएं, प्रमुख मार्ग मजदूरों के आने जाने से भरे पड़े हैं। गरीब मजदूरों से मनमाना किराया वसूल किया जा रहा है। मालूम हो कि लॉकडाउन के शुरू होते ही प्रदेश के बाहर रह रहे मजदूर बेबस घर लौटने को मजबूर हैं।
बीड़ी श्रमिकों-तेंदूपत्ता संग्राहकों को लेकर सीएम को लिखा पत्र
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कोरोना लॉकडाउन के कारण तेंदूपत्ता संग्राहकों तथा बीड़ी श्रमिकों को आ रही परेशानियों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड, महाकोशल और अन्य बीड़ी उत्पादक क्षेत्रों के संगठित और असंगठित श्रमिकों को कच्चे माल की पूर्ति नहीं होने तथा लॉकडाउन की वजह से तेंदूपत्ता संग्राहकों के बाहर नहीं निकल पाने से आजीविका का संकट खड़ा हो गया है इसलिए सरकार को बीड़ी उत्पादन कारखानों को आवश्यक अनुमति देने तथा कच्ची सामग्री के प्रबंधन के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने की मांग की है।