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मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सरकार बनाने का दावा पेश, कमलनाथ हो सकते हैं मुख्यमंत्री

मध्य प्रदेश को लेकर पार्टी ने इसलिए भी जल्दबाजी दिखाई है, क्योंकि वहां पार्टी की काफी नजदीकी जीत है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 12:52 AM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 12:52 AM (IST)
मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सरकार बनाने का दावा पेश, कमलनाथ हो सकते हैं मुख्यमंत्री
मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सरकार बनाने का दावा पेश, कमलनाथ हो सकते हैं मुख्यमंत्री

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने मंगलवार रात को कवायद शुरू कर दी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने रात में ही सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात का समय मांगते हुए पत्र भेज दिया है। वहीं, विधायक दल के नेता को चुनने के लिए बुधवार को शाम चार बजे बैठक बुलाई गई है, जिसमें कमलनाथ के अलावा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की दावेदारी भी होने के संकेत हैं। इसलिए बैठक में कांग्रेस की केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य एके एंटनी पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे। वे बुधवार को सुबह भोपाल पहुंच रहे हैं। राजभवन में पत्र सौंपते हुए इसकी पावती ली गई, जिसमें पत्र सौंपने का समय भी दर्ज है। कांग्रेस ने समर्थक विधायकों की सूची में चार निर्दलीयों के भी नाम दिए हैं, जो पार्टी के बागी हैं।

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कमलनाथ हो सकते हैं सीएम, राजस्थान में गहलोत का दावा मजबूत

मप्र की तरह छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी भले ही कांग्रेस की सरकार बनना तय है, लेकिन इन राज्यों में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर अभी भी संशय है। हालांकि राजस्थान में अशोक गहलोत की इस पद के लिए दावेदारी को लगभग पक्का माना जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में संशय, भूपेश या ताम्रध्वज में से किसी एक पर हो सकता है फैसला

छत्तीसगढ़ में अभी भी स्थिति साफ नहीं है। यहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश वघेल और पार्टी के वरिष्ठ नेता ताम्रध्वज साहू के बीच दावेदारी बनी हुई है। दोनों में से कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है। वहीं, मिजोरम में एक दशक बाद सत्ता में वापसी करने वाले मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के नेता जोरामथांगा सत्ता की कमान संभालेंगे। जबकि तेलंगाना में टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव फिर मुख्यमंत्री होंगे।

मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने साफ किया है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा, यह फिलहाल कोई मुद्दा नहीं है। पार्टी ने अगले एक-दो दिनों में राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी केंद्रीय पर्यवेक्षकों को भेजने की योजना बनाई है। मध्य प्रदेश को लेकर पार्टी ने इसलिए भी जल्दबाजी दिखाई है, क्योंकि वहां पार्टी की काफी नजदीकी जीत है। ऐसे में पार्टी को डर है कि अंतिम समय में कहीं कोई गड़बड़ न हो जाए। खासकर गोवा की स्थिति को देखकर पार्टी मध्य प्रदेश में काफी सतर्क है। 


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