चुनाव आयोग की कार्रवाई पर कमलनाथ बोले- आखिरी दो दिनों में ऐसा क्यों किया गया, वो जानें उनका काम जाने
चुनाव आयोग की ओर से की गई कार्रवाई पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि निर्वाचन आयोग ने मुझे कोई नोटिस नहीं दिया मुझे पूछा नहीं... स्टार प्रचारक जैसा कोई पद नहीं होता है। राज्य की जनता समझदार है अब वही सही फैसला करेगी...
भोपाल, पीटीआइ। मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं। इससे पहले निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन पर कमलनाथ के स्टार प्रचारक का दर्जा रद कर दिया है। कांग्रेस आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मसले पर एक सवाल का जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि स्टार प्रचारक जैसा कोई पद नहीं होता है। राज्य की जनता समझदार है अब वही सही फैसला करेगी...
कमलनाथ ने दावा किया है कि कांग्रेस एकबार फिर सत्ता में वापसी करेगी। प्रदेश के मतदाता सीधे-सादे, भोले-भालें जरूर हैं लेकिन बहुत समझदार हैं। वे भाजपा को सत्ता से बेदखल कर देंगे। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग ने मुझे कोई नोटिस नहीं दिया, मुझे पूछा नहीं... आखिरी दो दिनों में ऐसा क्यों किया गया यह तो वो जाने उनका काम जाने। भाजपा के राज में किसान और त्रस्त हुआ है, बेरोजगारी बढ़ी है। जनता इसे नहीं समझती क्या...
ज्ञात हो कि कमलनाथ ने बीते दिनों भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी पर अमर्यादित टिप्पणी की थी। इस विवाद पर उन्होंने कहा कि मैं कई साल लोकसभा में रहा। लोकसभा की शीट पर एजेंडे में लिखा रहता है, आइटम नं 1, 2... मेरे दिमाग में वह ही रहा। मैंने किसी के प्रति दुर्भावना से ऐसा नहीं बोला था। मैं लोकसभा और विधानसभा में आइटम शब्द से बहुत परिचित रहा हूं। मैंने यह भी कहा था कि यदि कोई अपमानित महसूस करता है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।
कमलनाथ ने यह भी कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने महिलाओं के संदर्भ में उस शब्द को अस्वीकार जरूरी किया था लेकिन वह मेरे खिलाफ नहीं थे। बीते दिनों भाजपा ने कमलनाथ के इसी अमर्यादित बयान को लेकर निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला आयोग ने भी इस मामले में कमलनाथ की निंदा करते हुए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने की अपील की थी।
बता दें कि मध्य प्रदेश में 15 माह पुरानी कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार 22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के चलते मार्च में अल्पमत में आकर गिर गई थी। इसके बाद इसके बाद भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में सरकार बनाई थी। सूबे में 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव की वोटिंग होगी और 10 नवंबर को मत गणना होगी। 230 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 116 विधायकों के संख्या बल की जरूरत होगी।
सूबे की सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस को सभी 28 सीटों पर जीत दर्ज करनी होगी जबकि भाजपा को सत्ता को बरकरार रखने के लिए नौ सीटों की जरूरत होगी। उपचुनाव में 28 में से कितनी सीटें कांग्रेस को मिलने की उम्मीद है... इस सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि मैं ऐसा दावा नहीं करता। ऐसी बातें शिवराज सिंह चौहान करते हैं। मुझे मध्य प्रदेश की जनता पर पूरा भरोसा है। राज्य के मतदाता समझदार हैं और वह सही फैसला करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कल शुक्रवार को निर्वाचन आयोग की कार्रवाई पर कमलनाथ ने कहा था कि यह मेरी आवाज को दबाने की कोशिश है। यह कांग्रेस की आवाज को कुचलने की कोशिश है। सत्य को परेशान किया जा सकता है लेकिन पराजित नहीं। जनता सच्चाई का साथ देगी। इसी मामले पर दिग्गज कांग्रेस नेता एव पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि चुनाव आयोग का कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा वापस लेने का आदेश अनुचित है।