कमल नाथ ने कहा- हमारे नेताओं ने भाजपा के संग खेल खेला, हम फिर सत्ता में लौटेंगे
मध्य प्रदेश में पंद्रह महीने की कांग्रेस सरकार के मुखिया रहे कमल नाथ ने सोमवार को दिल्ली में अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मध्य प्रदेश में पंद्रह महीने की कांग्रेस सरकार के मुखिया रहे कमल नाथ ने सोमवार को दिल्ली में अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। उन्हें बताया कि हमारे नेताओं ने भाजपा के साथ मिलकर खेल खेला। भाजपा की साजिश और विधायकों को दिए गए प्रलोभनों से सरकार गिरी। उन्होंने सोनिया गांधी को भरोसा दिलाया कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस फिर सत्ता में लौटेगी और पूरी ताकत से आएगी।
कमल नाथ ने दिल्ली में की सोनिया गांधी से मुलाकात
कमल नाथ ने सोमवार दोपहर सोनिया गांधी से भेंट की। वे बुधवार को भोपाल लौटने वाले थे, लेकिन सोमवार की रात को राज्य के नए मुख्यमंत्री के शपथ समारोह की वजह से वे सोमवार को ही भोपाल लौट आए। इसके पहले सोनिया गांधी से मिलकर उन्होंने प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियों के बारे में बताया। भाजपा की साजिश से सरकार कैसे गिरी तथा उसमें अपने लोगों ने किस तरह भाजपा का साथ दिया, पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कमल नाथ ने सोनिया गांधी को दी अपनी 15 महीने की सरकार के प्रमुख कामों की जानकारी
कमल नाथ ने सोनिया गांधी को भाजपा द्वारा बेंगलुरु में कांग्रेस विधायकों को किस तरह बंधक बनाकर रखा गया, यह भी बताया। उन्होंने कहा कि विधायकों को हमारे नेताओं से तो दूर उनके स्वजनों से तक नहीं मिलने दिया गया। कमल नाथ ने मुलाकात के दौरान अपनी 15 महीने की सरकार के प्रमुख कामों की जानकारी भी दी और बताया कि सरकार के जनहितैषी फैसलों से मध्य प्रदेश की तस्वीर बदलने की दिशा में काम किए जा रहे थे, लेकिन भाजपा ने बौखलाकर तथा भयभीत होकर साजिश की।
प्रदेश के कांग्रेसजन एकजुट हैं और उनमें निराशा का भाव नहीं है- कमल नाथ
कमल नाथ ने अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष को आश्वस्त किया कि प्रदेश के कांग्रेसजन एकजुट हैं और उनमें निराशा का भाव नहीं है। वे भाजपा की हर चुनौती का डटकर मुकाबला करेंगे।
राज्यपाल ने सादे समारोह में दिलाई शिवराज को मुख्यमंत्री पद की शपथ
करीब पंद्रह महीने विपक्ष में रहने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश की कमान संभाल ली है। सोमवार रात नौ बजे राज्यपाल लालजी टंडन ने राजभवन में आयोजित बेहद सादे समारोह में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ लेने वाले चौहान अकेले नेता हैं। कैबिनेट के बाकी मंत्रियों को कुछ दिनों बाद श्ापथ दिलाई जाएगी। श्ािवराज चौथी बार मुख्यमंत्री बनने वाले मप्र के पहले राजनेता हैं। इससे पहले शिवराज ने 13 साल (2005 से 2018) तक प्रदेश के सीएम की कुर्सी संभाली थी।
शिवराज को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया
शपथ से पहले भाजपा विधायक दल की बैठक में शिवराज को सर्वसम्मति से नेता चुना गया। विधायक दल की बैठक का संचालन दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये केंद्रीय पर्यवेक्षक और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह व मप्र प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने किया। कोराना वायरस के व्यापक खतरे को देखते हुए यह देश में पहला अवसर था, जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये विधायक दल का नेता चुना गया।
गोपाल भार्गव ने नेता प्रतिपक्ष के पद से दिया इस्तीफा
सबसे पहले गोपाल भार्गव ने नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दिया। भार्गव ने ही शिवराज को विधायक दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, गोपीलाल जाटव, मीना सिंह और पारस जैन ने शिवराज के नाम का समर्थन किया। इस दौरान भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने शिवराज का स्वागत किया।
कोरोना के चलते दो दिन पहले शपथ दिलाने का फैसला
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक हाईकमान (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृृहमंत्री अमित शाह ) पहले 25 मार्च यानी नवरात्र की शुरुआत के अवसर पर शपथ दिलवाना चाहता था, लेकिन कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए दो दिन पहले ही शपथ दिलाने का फैसला ले लिया गया।