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चीन से रिश्ते को लेकर भाजपा की घेराबंदी पर अकेले पड़े कमलनाथ, अधिकांश नेताओं ने साधी चुप्‍पी

चीन से रिश्ते को लेकर भाजपा की घेराबंदी में कमलनाथ अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं। विवेक तन्खा जीतू पटवारी सलूजा जैसे नेताओं को छोड़कर अन्य ने आरोपों के बचाव में चुप्पी साधी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 08:01 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 04:27 AM (IST)
चीन से रिश्ते को लेकर भाजपा की घेराबंदी पर अकेले पड़े कमलनाथ, अधिकांश नेताओं ने साधी चुप्‍पी
चीन से रिश्ते को लेकर भाजपा की घेराबंदी पर अकेले पड़े कमलनाथ, अधिकांश नेताओं ने साधी चुप्‍पी

भोपाल, जेएनएन। चीन से कथित रिश्तों को लेकर भाजपा की ओर से की जा रही घेराबंदी में मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं। उनके बचाव में जब राज्य का कोई बड़ा नेता नहीं उतरा तो दूसरे दिन खुद उन्हें ही ट्वीट कर आरोपों को झूठा बताना पड़ा। इसके बाद कुछ ही नेता सामने आए। सबसे पहले कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने आरोपों पर भ्रामक दुष्प्रचार करने पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। राज्यसभा सदस्य राजमणि पटेल ने आंदोलन का एलान किया है।

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दिग्‍गजों ने साधी चुप्‍पी 

दरअसल, मप्र कांग्रेस में इन दिनों भाजपा की घेराबंदी करने में पार्टी के नेतागण समय और परिस्थितियों का इंतजार करते नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों प्रदेश में शराब को लेकर शिवराज सरकार की नीति पर वायरल हुए एक वीडियो को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी ट्वीट करने पर उत्पन्न स्थिति से अकेले ही जूझना पड़ा था। रविवार को कमल नाथ के खिलाफ भाजपा के आंदोलन को लेकर दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया व अरुण यादव, एनपी प्रजापति और सज्जन सिंह वर्मा जैसे नेताओं की चुप्पी साधे रखी।

भाजपा-कांग्रेस आमने सामने

मध्य प्रदेश में उपचुनाव होने वाले हैं। ऐसे में भाजपा द्वारा कमल नाथ की घेराबंदी करने और उनके केंद्रीय मंत्रित्वकाल में चीन को दी गई रियायतों को मुद्दा बनाया जा रहा है। भाजपा ने इस बहाने कांग्रेस को घेरने के लिए रियायतों के पीछे गांधी परिवार का नाम लेकर आरोप लगाया है कि कमल नाथ ने उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए चीन को तमाम छूट दी। भाजपा ने इस मसले पर रविवार को आंदोलन भी किया। 

कमल नाथ के पक्ष में एक शब्द नहीं लिखा

भाजपा ने कमल नाथ पर हमला करने के लिए आंदोलन तैयार किया लेकिन कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता ने पहले दिन किसी तरह से उनका बचाव नहीं किया। ट्विटर पर सक्रिय रहने वाले तमाम नेताओं ने चीन की सीमा पर तनाव पर तो अपनी बात रखी, लेकिन कमल नाथ पर लग रहे आरोपों पर एक शब्द नहीं लिखा। इसके बाद अगले दिन शनिवार को कमल नाथ ने अपने ट्विटर अकाउंट से भाजपा के आरोपों का खंडन किया और तमाम आरोपों को झूठा बताया। 

कानूनी कार्रवाई की चेतावनी 

इसके बाद तन्खा ने कमल नाथ के बचाव में उतरकर चेतावनी भरा ट्वीट कर लोगों पर कानूनी कार्रवाई की टिप्पणी की तो पीसीसी अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने पलटवार कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व भाजपा के चीन से संबंधों पर ट्वीट कर आंदोलन करने की बात कही। अब कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य राजमणि पटेल भी भाजपा के आरोपों पर पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के बैनर पर 30 जून को आंदोलन की घोषणा की है।

नाथ पर आरोपों को लेकर मौन

कमल नाथ समर्थक पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से लेकर दिग्विजय, पचौरी, भूरिया, अरुण यादव, एनपी प्रजापति आदि इसके बाद भी चुप हैं। दिग्विजय सिंह ने चीन से भाजपा के संबंधों पर कहा कि भाजपा चीन का गठबंधन है तो पचौरी ने अपने समर्थक विधायक शशांक भार्गव के घर पर हुए हमले पर जरूर गिरफ्तारी की मांग की लेकिन कमल नाथ पर भाजपा के आरोपों पर चुप्पी बनाए रखी। इसी तरह सज्जन सिंह वर्मा ने भाजपा पर झूठी देशभक्ति का आरोप लगाया लेकिन कमलनाथ के पक्ष में कुछ नहीं कहा।   


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