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कैलाश विजयवर्गीय ने CAA की भगवान कृष्ण और विपक्ष की कंस से की तुलना

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को नागकरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) पर विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए इस कानून की भगवान कृष्ण और विपक्ष की कंस से तुलना की।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 02:56 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 02:56 PM (IST)
कैलाश विजयवर्गीय ने CAA की भगवान कृष्ण और विपक्ष की कंस से की तुलना
कैलाश विजयवर्गीय ने CAA की भगवान कृष्ण और विपक्ष की कंस से की तुलना

नई दिल्ली, एएनआइ। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को नागकरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) पर विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए इस कानून की भगवान कृष्ण और विपक्ष की कंस से तुलना की। बता दें कि विपक्ष सीएए को भेदभावपूर्ण बताकर इसके खिलाफ विरोध कर रहा है। साथ ही इसे भारतीय संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ बता रहा है। 

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दूसरी ओर, केंद्र ने यह सुनिश्चित किया है कि कानून किसी भी मौजूदा नागरिक को प्रभावित नहीं करेगा। इस कानून में 31 अक्टूबर तक उत्पीड़न के कारण भारत आए पाकिस्तान बांग्लादेश और अफ्गानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रवाधान है। यह कानून संसद में पिछले महीने दिसंबर में पास हुआ था। 

सीएए, एनआरसी न हुआ... देवकी का आठवां पुत्र हो गया!

विजयवर्गीय ने एक ट्वीट में नए कानून को देवकी के आठवां बेटा और विपक्ष की उनके भाई कंस से की तुलना की। उन्होंने ट्वीट करके कहा, 'सीएए, एनआरसी न हुआ... देवकी का आठवां पुत्र हो गया! पैदा होने से पहले ही कंस को अंत नजर आने लगा!' 

भगवान कृष्ण ने कंस का वध किया था

बता दें कि हिंदू पौराणिक कथा भागवत गीता के अनुसार एक भविष्यवाणी थी कि मथुरा के राजा कंस को उसकी बहन देवकी के पुत्र द्वारा मार दिया जाएगा। इसलिए, कंस ने भविष्यवाणी को गलत साबित करने और खुद को बचाने के लिए देवकी के सभी बेटों को मार डाला। लेकिन भगवान कृष्ण बचगए और बाद में उन्होंने कंस को मार डाला। इसी का हवाला देकर विजयवर्गीय ने विपक्ष पर निशाना साधा है। 

'जेएनयू वायरस' मध्य प्रदेश तक पहुंच गया है

विजयवर्गीय पहले भी ऐसे बयान दे चुके हैं। इससे पहले विजयवर्गीय ने बुधवार को कहा था कि 'जेएनयू वायरस' मध्य प्रदेश तक पहुंच गया है। उन्होंने यह बात राजगढ़ कलेक्टर के सीएए के समर्थन में आयोजित एक रैली में भाजपा कार्यकर्ताओं को थप्पड़ मारने पर कही। इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन में विजयवर्गीय ने कहा कि उन्हें बताया गया कि कलेक्टर निधि निवेदिता जेएनयू के पूर्व छात्र हैं। हाथों में तिरंगा रखने वालों का इस वायरस के कारण अपमान हुआ है। 

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