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ज्योतिरादित्य सिंधिया को खाली ही करना होगा सरकारी बंगला, केंद्र ने पूर्व मंत्री का अनुरोध ठुकराया

पूर्व सांसदों को नियमों के मुताबिक लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर बंगला खाली करना होता है। 25 मई को 16वीं लोकसभा भंग कर दी गई थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 02:10 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 02:10 AM (IST)
ज्योतिरादित्य सिंधिया को खाली ही करना होगा सरकारी बंगला, केंद्र ने पूर्व मंत्री का अनुरोध ठुकराया
ज्योतिरादित्य सिंधिया को खाली ही करना होगा सरकारी बंगला, केंद्र ने पूर्व मंत्री का अनुरोध ठुकराया

नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को लुटियंस दिल्ली स्थित अपने आधिकारिक बंगले को खाली ही करना होगा। केंद्र सरकार ने बंगले का आवंटन बरकरार रखने के उनके अनुरोध को ठुकरा दिया है। 2002 से 2019 के बीच मध्य प्रदेश के गुना से लोकसभा सदस्य रहे सिंधिया के नाम पर 27, सफदरजंग रोड स्थित बंगला आवंटित था, लेकिन 2019 के आम चुनाव में वह हार गए। पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद उन्हें यह बंगला आवंटित किया गया था।

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पूर्व सांसदों को नियमों के मुताबिक लोकसभा भंग होने के एक महीने के भीतर बंगला खाली करना होता है। 25 मई को 16वीं लोकसभा भंग कर दी गई थी। इसके बाद यह बंगला मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को आवंटित कर दिया गया था।

जून में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को कृष्ण मेनन मार्ग स्थित दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आवास आवंटित किया गया था। 2004 में एनडीए सरकार की हार के बाद वाजपेयी को यह बंगला आवंटित किया गया था। वह अपने परिवार के साथ लगभग 14 वर्षों तक यहां रहे थे। उनके निधन के बाद पिछले साल नवंबर में उनके परिवार ने बंगला खाली कर दिया था।


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