जस्टिस सीकरी ने कहा- कोलेजियम प्रणाली में सुधार की जरूरत, अदालतों में 3 करोड़ मुकदमे लंबित
जस्टिस सीकरी ने कहा कि देशभर की अदालतों में 3 करोड़ मुकदमे लंबित हैं और जजों की नियुक्ति में देरी के लिए कार्यपालिका व न्यायपालिका दोनों जिम्मेदार हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एके सीकरी ने शुक्रवार को देश में न्यायिक सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए कोलेजियम प्रणाली में भी सुधार की जरूरत बताई। जस्टिस सीकरी वर्तमान में सिंगापुर इंटरनेशनल कॉमर्शियल कोर्ट में इंटरनेशनल जज हैं।
सीकरी ने कहा- देशभर की अदालतों में तीन करोड़ मुकदमे लंबित
कॉर्नेल इंडिया लॉ सेंटर के उद्घाटन कार्यक्रम में जस्टिस सीकरी ने कहा कि देशभर की अदालतों में करीब तीन करोड़ मुकदमे लंबित हैं और जजों की नियुक्ति में देरी के लिए कार्यपालिका व न्यायपालिका दोनों समान रूप से जिम्मेदार हैं।
सीकरी ने कहा- कोलेजियम प्रणाली में सुधार करना होगा
उन्होंने आगे कहा, 'कोई हाइब्रिड सिस्टम होना चाहिए। इससे भी ज्यादा हमें हमारी कोलेजियम प्रणाली में सुधार करना होगा क्योंकि कई बार हाई कोर्ट में किसी खास व्यक्ति के बारे में सिर्फ धारणा से रुकावट या गतिरोध पैदा हो जाता है। इसे सही करने की जरूरत है।'
सबरीमाला मंदिर के गहनों की सूची बनाने का जिम्मा पूर्व जज को
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश सीएन रामचंद्रन नायर को सबरीमाला मंदिर के भगवान अयप्पा के आभूषणों की सूची और मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने के लिए नियुक्त किया। इन आभूषणों पर पंडालम शाही परिवार के विभिन्न धड़े दावा कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नायर पवित्र गहनों के मूल्यांकन के काम में आभूषण निर्माताओं की मदद ले सकते हैं और सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट जमा कर सकते हैं। जस्टिस एनवी रमना, अजय रस्तोगी और वी रामसुब्रह्मण्यम की पीठ ने कहा कि हमें सिर्फ पवित्र गहनों की सुरक्षा की चिंता है।
विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिए कार्यालय का उपयोग करें
शीर्ष अदालत ने केरल सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से अनुरोध किया कि शाही परिवार के विभिन्न धड़ों के बीच चल रहे विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिए अपने कार्यालय का उपयोग करें। अदालत ने वेणुगोपाल से अगली सुनवाई के दिन गहनों की सुरक्षा पर रिपोर्ट देने को भी कहा।
सबरीमाला मंदिर के प्रशासन को कानून का मसौदा बनाने के लिए चार सप्ताह का समय दिया
इसने राज्य सरकार को ऐतिहासिक सबरीमाला मंदिर के प्रशासन को लेकर कानून का मसौदा बनाने के लिए और चार सप्ताह का समय दिया। इससे पहले वेणुगोपाल ने कहा कि पद्मनाभस्वामी मंदिर में भी इसी तरह का मुद्दा सामने आया था, जहां शीर्ष अदालत ने गहनों की सूची तैयार करने के बाद उसका आकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया था।