जस्टिस शाह ने जोर देकर कहा- सीजेआइ के खिलाफ यौन उत्पीड़न जांच कमेटी की प्रक्रिया संदिग्ध
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय इन हाउस कमेटी ने सीजेआइ को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि यौन उत्पीड़न मामले में कोई तथ्य नहीं मिले।के खिलाफ
नई दिल्ली, प्रेट्र। दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एपी शाह ने रविवार को प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले की जांच में इन हाउस कमेटी द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया को संदिग्घ करार दिया। सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी ने सीजेआइ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसमें जांच कमेटी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।
जस्टिस शाह ने यहां 27वें रोसलिंड विल्सन मेमोरियल लेक्चर में कहा, 'हमें मजबूत तंत्र की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह के मामलों से अलग और बेहतर तरीके से निपटा जा सके।'
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय इन हाउस कमेटी ने सीजेआइ को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि यौन उत्पीड़न के मामले में उसे कोई तथ्य नहीं मिले हैं।
जस्टिस शाह ने कहा कि न्यायिक स्वतंत्रता के नाम पर पूरी प्रक्रिया 'गोपनीयता में डूबी' हुई थी।
उन्होंने कहा कि 'आरोपों की सच्चाई या झूठ पर निर्णय पारित किए बिना, मैं यह स्वीकार करता हूं कि कुछ ऐसे निश्चित तथ्य हैं जिस पर विचार किया जाना चाहिए।'
जस्टिस शाह ने कहा कि सीजेआइ के खिलाफ आरोप सामने आने के बाद बिना किसी याचिका के शीर्ष अदालत में शनिवार के दिन सुनवाई हुई थी। उन्होंने 20 अप्रैल को हुई सुनवाई का जिक्र किया। इसमें सीजेआइ ने अपने खिलाफ लगे मामले की सुनवाई की थी और आरोपों को अविश्वसनीय करार देते हुए कहा था कि इसके पीछे बड़ी साजिश है।
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