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Exclusive Interview: जेपी नड्डा बोले, पीएम मोदी की सोच और नीतीश के क्रियान्वयन को मिला जनता का समर्थन

Exclusive Interview भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कह कि सरकार तो सबके लिए काम करती है। हमारा तो नारा ही है सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास। जिन्होंने वोट नहीं दिया वह भी देखेंगे कि विकास उनकी चौखट तक पहुंचेगा। वह खुद अंतर समझेंगे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 06:16 PM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 05:28 PM (IST)
Exclusive Interview: जेपी नड्डा बोले, पीएम मोदी की सोच और नीतीश के क्रियान्वयन को मिला जनता का समर्थन
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि युवाओं को प्राकृतिक रूप से भाजपा में मिलता है स्थान

नई दिल्ली, [जागरण स्पेशल] बिहार से लंबा और पुराना नाता रखने वाले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के चेहरे पर बिहार फतह का उत्साह देखा जा सकता है। दरअसल औपचारिक रूप से पार्टी की कमान संभालने के बाद अपने पहले बड़े और कठिन चुनाव में ही उन्होंने सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं और अब पश्चिम बंगाल में इसे दोहराने की रणनीति में जुट गए हैं। ममता बनर्जी राज को आड़े हाथों लेते हुए वह साफ साफ कहते हैं- 'उनकी कार्यशैली ही ऐसी है कि आज नही तो कल उनके सारे लोग भाजपा में ही आएंगे।' जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बराक ओबामा की टिप्पणी से सहमति जताते हुए कहते है- 'सुधरने के लिए सबसे पहले कमी का अहसास होना जरूरी है, राहुल में वही नहीं है।' दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख आशुतोष झा के साथ बातचीत के अंश-

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- बिहार में जीत की बधाई। क्या नतीजे आपकी अपेक्षा के अनुरूप आए?

उत्तर- धन्यवाद। जहां तक अपेक्षा की बात है तो हम और अच्छा प्रदर्शन कर सकते थे। लेकिन जीत जीत है और मैं कहूंगा कि बिहार की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच, उनकी योजनाओं को भरपूर समर्थन दिया है। बिहार को नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से खुलकर मदद मिली और राज्य में नीतीश सरकार ने बहुत अच्छी तरह उसका क्रियान्वयन किया। बिहार की जनता को जो विकास चाहिए उस दिशा में पिछले तीन साल में विशेष रूप से काम हुआ है। यह उसी का नतीजा है।

- कहा यह जा रहा है कि भाजपा जीती है, राजग नहीं?

उत्तर- ऐसा कभी नहीं होता है। हर दल का अपना अपना सपोर्ट बेस होता है। नतीजा कुल मिलाकर आता है। राजग में चार दल थे, जीत में सबकी भागीदारी है।

- लेकिन पार्टी में ही कुछ स्तर पर बातें हो रही हैं कि भाजपा अपने शीर्ष प्रदर्शन पर है और जदयू अपने निम्नतम पर। फिर भाजपा श्रेय लेने से संकोच क्यों कर रही है?

उत्तर- क्योंकि भाजपा की सोच ऐसी नहीं है। जब इकट्ठे लड़े तो इकट्ठे जीते भी। इकट्ठे न हों तो बिखर जाएंगे। यानी लाभ भी इकट्ठा मिला है। सबको एक दूसरे के साथ का फायदा मिला। सबकी सार्थकता होती है। इसमें अकेले श्रेय लेने की कोई प्रासंगिकता नहीं है।

- बिहार में जीत के बाद क्या अब माना जाए कि प्रदेश राजग में लोजपा की जगह नहीं रही। केंद्रीय राजग में लोजपा की स्थिति क्या है?

उत्तर- जीत हार की बात नहीं है। बिहार में तो चार दल ही राजग में थे। हमने साफ भी किया था कि बिहार में राजग का लोजपा से कोई संबंध नहीं है। हम उस बात पर अडिग हैं। केंद्र का विषय अलग है।

- जीत भले राजग को मिली हो लेकिन जीत का अंतर बहुत कम रहा है। जिन्होंने आपको वोट नहीं दिया उसे कैसे समझाएंगे?

उत्तर- सरकार तो सबके लिए काम करती है। हमारा तो नारा ही है सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। जिन्होंने वोट नहीं दिया वह भी देखेंगे कि विकास उनकी चौखट तक पहुंचेगा। वह खुद अंतर समझेंगे। दरअसल एक वर्ग ऐसा है जो भटकाता है। भ्रमित करता है। उनका विश्वास भी हम सुशासन से जीतेंगे। लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि हम हर चुनाव में आगे बढ़ते जाएंगे। कभी गति धीमी हो सकती है कभी तेज लेकिन विकास की राजनीति को कोई रोक नहीं पाएगा। लोग परिवारवाद से उब चुके हैं।

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी हाल में कहा कि चुनावी राजनीति के केंद्र में भी विकास है। लेकिन जमीनी स्तर पर तो जाति किसी भी दल से नहीं छूट रही है?

उत्तर- देखिए इसे सही परिप्रेक्ष्य में समझिए। विकास एजेंडा है, विकास ही प्रदेश को देश को आगे ले जाएगा। लेकिन यह भी जरूरी है इसमें सबको जोड़ा जाए। सबका साथ.। इसे जाति की दृष्टि से मत देखिए। लेकिन यह जरूरी है कि समाज का हर वर्ग इसमें जुड़े। सबका प्रतिनिधित्व होना जरूरी है। हमारा विकास केवल जीडीपी हासिल करना नहीं है। हमारी प्राथमिकता है कि जीडीपी बढ़े और साथ साथ पूरा समाज एक गति से एक दिशा में बढ़े। पूरे देश का समानांतर विकास। जाति की राजनीति वहां होती है जहां सिर्फ वोट पाने के लिए तात्कालिक रूप से पासा फेंका जाता है। भाजपा जातिवाद नहीं विकासवाद में भरोसा करती है।

- प्रधानमंत्री ने युवाओं को भी भाजपा से जुड़ने का अपील की। क्या पार्टी इसके लिए कोई कैंपेन शुरू करने वाली है?

उत्तर- यह तो हमारी पार्टी में सतत प्रक्रिया का हिस्सा है। आप पूरी सूची उठाकर देख लीजिए हमारा कोई भी जिलाध्यक्ष 45 से उपर का नहीं है। राष्ट्रीय टीम की औसत उम्र 50 है। यह हमारे संविधान में तो नहीं लिखा है लेकिन भाजपा के अंदर यह प्राकृतिक रूप से समाहित है। मैं भी जब महासचिव बना था तो उम्र 50 के नीचे ही थी। भाजपा की पूरी कार्यप्रणाली, पूरी सोच शुरू से अब तक देख लीजिए आपको इसका अहसास हो जाएगा कि युवाओं को देश के लिए काम करते हुए आगे बढ़ने का सबसे अच्छा मंच भाजपा है। प्रधानमंत्री ने इसी को फिर से दोहराया और सच्चाई यह है कि देश के युवा इसे समझते हैं। वह जुड़ रहे है, आगे और जुड़ते रहेंगे। आप आज के सांसदों की सूची भी उठाकर देखिए और उनका इतिहास देखिए तो पता चल जाएगा कि अपने यौवन मे जब वह दूसरे दलों मे भी जा सकते थे तो भी भाजपा को चुना था।

- बिहार में एआइएमआइएम भी पांच सीट जीता है जिसकी विचारधारा को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं। उसकी जीत को कैसे देखते हैं?

उत्तर- जनता जनार्दन ही मालिक है। उसे सच्चाई बताना, जताना, समझाना हमारा कर्तव्य है और वह हम करते हैं। हमें मालूम है कि उनकी विचारधारा क्या है और हैदराबाद के कुछ इलाके हमारे लिए समस्या के विषय हैं। लेकिन शरीर के अंदर भी कई तरह के सेल बन जाते हैं लेकिन उसके लिए तो हमें एंटीबाडी तैयार करने पड़ते हैं। गुडसेल्स तैयार करने पड़ते हैं। राजनीति में भी हमें अच्छे लोग, अच्छी विचारधारा, राष्ट्र को मजबूत करने की विचारधारा, उसे आगे बढ़ाने वाले लोग तैयार करने पड़ते हैं और जनता को बताने पड़ते हैं। बार बार समझाना पड़ता है। यही उपचार है। इसे दूसरे तरीके से देखिए तो अब तक बिहार में महागठबंधन का मुद्दा क्या होता था और अब हमारे दबाव में वह नौकरी की बात करने के लिए मजबूर हुए। हमने उन्हें एजेंडा बदलने को मजबूर कर दिया हालांकि जिस तरह से उनकी ओर से नौकरी का पासा उछाला गया वह सिर्फ छलावा था। लेकिन विकास के मुद्दे पर वह आए। देश की भावना से ओतप्रोत होने का एजेंडा भी सभी राजनीतिक दलों को अपनाना पड़ेगा। अभी भी कुछ लोग हैं जो अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ बोलते बोलते पाकिस्तान के मददगार हो जाते हैं। अब या तो ये लोग सुधर जाएंगे या फिर बाहर हो जाएंगे।

- लेकिन यह तो सच है कि बिहार में एआइएमआइएम के जीतने से राजग को बढ़त मिल गई? अब एआइएमआइएम पश्चिम बंगाल में भी चुनाव लड़ने वाला है?

उत्तर- लड़े.। जनता तय करेगी। हम तो किसी की बैसाखी पर नहीं चलते हैं। हमारा अपना एजेंडा है, विकास है। सबके साथ, सबके विकास और सबके विश्वास का। वहां ममता राज में भय का वातावरण है। हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या कर लोगों को डराया जा रहा है।

- हर चुनाव में भाजपा जिस तरह राष्ट्रीय मुद्दों को उठाती है उसी तरह कांग्रेस की ओर से भी हर चुनाव में प्रधानमंत्री पर व्यक्तिगत आरोप लगाया जाता है। क्या इसका भी फायदा मिलता है।

- क्या तृणमूल कांग्रेस के कई मंत्री भाजपा में आने वाले हैं?

उत्तर- मैं किसी खास व्यक्ति के बारे में तो नहीं बोल सकता हूं लेकिन देर सबेर सबको भाजपा ही आना है। हम उन्हें लाने की कोशिश कर रहे हैं यह कहना सही नहीं होगा। सच्चाई यह है कि तृणमूल की कार्यशैली ही ऐसी है कि लोग भागने का रास्ता ढूंढते हैं।

उत्तर- प्रधानमंत्री का कार्य, उनकी कार्यशैली, काम को पूरा करने का उनका रिकार्ड यह सब भाजपा के काम आता है। लेकिन कांग्रेस हताशा में आरोप लगाती है। कांग्रेस के नेताओं को अपनी कमी का अहसास ही नहीं है तो फिर सुधार कैसे हो। राहुल चीन का राग अलापते रहते हैं.अरे भाई पहले मेरे सवाल का जवाब दो कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीन से पैसा लिया था या नहीं।

- बराक ओबामा ने राहुल के बारे में टिप्पणी की है कि वह नर्वस विद्यार्थी जैसे हैं?

उत्तर- मैं तो शुरू से कहता रहा हूं कि वह सीमित ज्ञान के मालिक है, खुद कोई होमवर्क नहीं है, मौलिक सोच नहीं है और सबसे बड़ी बात इसका अहसास नहीं है। अब ओबामा साहब भी बोल रहे हैं। यह वह जानें या उनकी पार्टी जानें। लेकिन मैं फिर कहता हूं कि देश की जनता उब चुकी है और इसीलिए बार बार नकार रही है।


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