भाजपा की कमान संभालते ही तत्काल काम में जुटे नड्डा, पार्टी के जागरुकता अभियान की ली रिपोर्ट
दिल्ली चुनाव के बाद राष्ट्रीय परिषद की बैठक में वह बतौर अध्यक्ष भावी चुनौतियों का ध्यान दिलाते हुए अपनी सोच रखेंगे। नई टीम का गठन भी संभवत उसके बाद ही होगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक दिन पहले ही औपचारिक रूप से भाजपा की कमान संभालने वाले पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भावी चुनौतियों के बाबत तत्काल काम शुरू कर दिया है। मंगलवार को उन्होंने अलग-अलग कई बैठकें कीं और सभी पदाधिकारियों को भविष्य के लिए कमर कस कर तैयार रहने को कहा। माना जा रहा है कि दिल्ली चुनाव के बाद राष्ट्रीय परिषद की बैठक में वह बतौर अध्यक्ष भावी चुनौतियों का ध्यान दिलाते हुए अपनी सोच रखेंगे। नई टीम का गठन भी संभवत: उसके बाद ही होगा।
चुनावी लिहाज से दिल्ली जरूर पहले पखवाड़े में सामने खड़ा है लेकिन इससे परे नड्डा के पास काफी वक्त है। बिहार में एक राजग गठबंधन विपक्ष के मुकाबले काफी आगे खड़ा है। ऐसे में उन्हें 2021 की तैयारियों पर ही ध्यान केंद्रित करना है। बताते हैं कि मंगलवार को राष्ट्रीय महासचिवों के साथ पहली बैठक में भी नड्डा ने इसी ओर ध्यान दिलाया। साथ ही विपक्ष की ओर से सीएए, एनआरसी और एनआरपी को लेकर चलाए जा रहे आंदोलन के खिलाफ भाजपा के जागरुकता अभियान को तेज और प्रभावी बनाने पर भी बात हुई।
अटकलों का दौर हुआ शुरू
नए अध्यक्ष के साथ ही कार्यकारिणी को लेकर भी अटकलों का दौर शुरू हो गया है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली चुनाव के बाद और बजट सत्र के बीच टीम का विस्तार और कुछ हद तक फेरबदल संभव है। बताया जा रहा है कि महासचिवों की दो रिक्तियां जहां भरी जाएंगी वहीं कुछ पुराने महासचिव हटाए भी जा सकते हैं। पार्टी की सर्वोच्च निर्णायक संस्था संसदीय बोर्ड के गठन पर सबसे ज्यादा नजर है। दरअसल एम वेंकैयानायडू के उपराष्ट्रपति बनने और सुषमा स्वराज, अरुण जेटली तथा अनंत कुमार की मृत्यु के कारण बोर्ड में चार रिक्तियां हैं। यह तो तय है कि संसदीय बोर्ड सचिव के लिए किसी एक महासचिव को बोर्ड में लाया जाएगा। किसी एक महिला को भी इसमें स्थान दिया जाएगा।