JNU हिंसा में घायल हुए 34 छात्रों को एम्स से मिली छुट्टी
जेएनयू (Jawaharlal Nehru University) में रविवार रात हुई हिंसा में घायल हुए सभी 34 छात्रों को एम्स अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। जेएनयू (Jawaharlal Nehru University) में रविवार रात हुई हिंसा में घायल हुए सभी 34 छात्रों को एम्स अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इलाज के लिए छात्रों को ट्रामा सेंटर में बीती रात भर्ती किया गया था। ट्रामा सेंटर के चीफ डॉक्टर राजीव मल्होत्रा ने इसकी जानकारी दी।
वीसी ने छात्रों को शांति बनाए रखने को कहा
जेएनयू हिंसा को लेकर आजा यानी सोमवार को वीसी एम. जगदीश कुमार ने छात्रों ने शांति बनाए रखने के अपील की है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों की अकादमिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के मद्देनजर सुविधा प्रदान करने प्रतिबद्ध है और इस प्रक्रिया के लिए किसी भी छात्र को डरने की जरूरत नहीं है।
नकाबपोश लोगों ने छात्रों के साथ की मारपीट
गौरतलब है कि रविवार रात को जेएनयू कैंपस में लाठी-डंडे के साथ कुछ नकाबपोश लोग घुस गए। इसके बाद उन्होंने जेएनयू छात्रों के साथ मारपीट की। छात्रों को मारपीट के अलावा जेएनयू संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। हालात से निपटने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन को कैंपस में पुलिस को बुलाना पड़ा। इस हिंसा में कम से कम 25 लोग घायल हुए। इस पूरी घटना के बाद तुंरत कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एम्स ट्रामा सेंटर छात्रों से मिलने पहुंची थी।
जेएनयू हिंसा में बुरी तरह जख्मी छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने घटना के बाद चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने अपने तल्ख तेवर में कहा कि इस हमले के लिए आरएसएस और एबीवीपी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सोची-समझी साजिश के तहत आरएसएस और एबीवीपी के गुंडों ने यह काम किया है। पिछले 4-5 दिनों से कैंपस में कुछ आरएसएस से जुड़े प्रोफेसरों और एबीवीपी द्वारा हिंसा को बढ़ाया गया है।
हिंसा के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) ने सोमवार को जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से बाहरी लोगों द्वारा किया गया सुनयोजित हमला है। यह लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने कुलपति जगदीश कुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने छात्रों के खिलाफ जेएनयू परिसर में हिंसा रोकने के लिए कुछ नहीं किया।