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Pulwama Terror Attack: भारत की कार्रवाई से डरा पाकिस्तान, बदला मसूद अजहर का ठिकाना

पाकिस्तान की जमीन से आतंक को बढ़ावा देने वाली वहां की खुफिया एजेंसी ने मसूद अजहर को सुरक्षित ठिकाने पर छिपा दिया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 26 Feb 2019 08:11 AM (IST)Updated: Tue, 26 Feb 2019 08:11 AM (IST)
Pulwama Terror Attack: भारत की कार्रवाई से डरा पाकिस्तान, बदला मसूद अजहर का ठिकाना
Pulwama Terror Attack: भारत की कार्रवाई से डरा पाकिस्तान, बदला मसूद अजहर का ठिकाना

नई दिल्‍ली, एएनआइ। पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्‍तान को अंतराष्‍ट्रीय स्‍तर पर जवाब देना भारी पड़ रहा है। पाकिस्‍तान को अलग-थलग करने की हर संभव कोशिश भारत के द्वारा हो रही है। ऐसे में पाकिस्‍तान को ये डर भी सता रहा है कि भारत एक और सर्जिकल स्‍ट्राइक ना कर दे। जैश-ए-मुहम्‍मद के सरगना मसूद अजहर को देकर भी पाकिस्‍तान बेहद चिंतित है। इस बीच सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ मसूद अजहर को 'सेफ जोन' में छिपा दिया है। लेकिन पाकिस्‍तान किसी भी बिल में जैश सरगना मसूद अजहर को छिपा कर रखे भारत उसे खोज ही निकालेगा।

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खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मसूद अजहर को बीते 17-18 फरवरी यानी पुलवामा हमले के तुरंत बाद रावलपिंडी से बहावलपुर के नजदीक कोटघानी भेजा गया है। इसके साथ ही आइएसआइ ने मसूद अजहर की सुरक्षा भी बढ़ा दी है। 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर जैश के आतंकी ने आत्मघाती हमला कर 40 जवानों को शहीद किया था। इस हमले के बाद से ही भारत में पाकिस्तान से बदला लेने की मांग उठ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी साफ कह चुके हैं कि आतंक के सरपरस्तों से पूरा हिसाब किया जाएगा। ऐसे में पाकिस्‍तान ने कहा कि उसे एक मौका दिया जाए, ठोस सबूत मिलने पर कार्रवाई जरूर की जाएगी।

पुलवामा में CRPF के दल पर आत्मघाती हमले करवाने वाले संगठन जैश ए मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर कहां है? यह सवाल भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ था। अजहर के बारे में एजेंसियों के पास जो अंतिम ठोस जानकारी है वह दिसंबर, 2017 के करीब की है, जब उसने मुल्तान में एक रैली को संबोधित किया था और भारत के खिलाफ खूब आग उगला था। उसके बाद भी उसने कई रैलियों को संबोधित करता रहा है, लेकिन एजेंसियों को इस बात की पक्की जानकारी नहीं है कि वह वहां पर उपस्थित था। पिछले कुछ महीनों से रैलियों में मौलाना अजहर के रिकार्डेड भाषण ही सुनाये जाते हैं।

खुफिया एजेंसियों को शक है कि मसूद अजहर को पाकिस्तान सेना के सेवानिवृत अफसरों की तरफ से सुरक्षा प्रदान की गई है। अजहर के लिए यह विशेष सुरक्षा घेरा आज से नहीं बल्कि तीन वर्ष पहले बनाई गई थी। जब पठानकोट हमले के बाद पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार ने मसूद अजहर व इसके कुछ संबंधियों को नजरबंद किया था। जनवरी, 2016 में इसे नजरबंद किया गया और तकरीबन पांच महीने बाद इसे विशेष सुरक्षा में कहीं और स्थानांतरित किया गया।

एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक पठानकोट हमले के पहले भी अजहर के लिए सुरक्षा इंतजामात थे लेकिन वह खुलेआम मजलिसों और धार्मिक जुलूसों में हिस्सा लेता था। यही नहीं बहावलपुर मस्जिद स्थित अपने हेडक्वार्टर में भी वह कई बार दिखाई देता था। लेकिन पठानकोट हमले के बाद उसे वहां नहीं देखा गया है। जैश सरगना के जिन दो करीबी रिश्तेदारों को नजरबंद किया गया था उनकी भी कोई सूचना नहीं है। खुफिया एजेंसियों की मानें तो बहावलपुर स्थित जिस मस्जिद की बात की जा रही है संभवत: अब जैश उसका पहले की तरफ इस्तेमाल नहीं करता। जैश किसी और जगह से संचालित हो रहा है।

भारत में हर दिन रक्षा मंत्रालय समेत गृहमंत्री और दूसरे उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक हो रही है और पुलवामा हमले के जवाब की रणनीति पर काम चल रहा है। ऐसे में पाकिस्तान की जमीन से आतंक को बढ़ावा देने वाली वहां की खुफिया एजेंसी ने मसूद अजहर को सुरक्षित ठिकाने पर छिपा दिया है। सूत्रों के मुताबिक, जानकारी मिली है कि मसूद अजहर को रावलपिंडी से बहावलपुर में सुरक्षित ठिकाने पर ले जाया गया है।


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