जावडेकर ने कहा- भारत बखूबी निभा रहा पर्यावरण संकट की चुनौती से निपटने की जिम्मेदारी
जावडेकर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर भारत के किए गए कामों की चर्चा आज दुनिया भर के देशों में हो रहा है जहां वन क्षेत्र बढ़ा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि पर्यावरण संकट की चुनौती से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही है, बावजूद इसके भारत इससे निपटने की अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभा रहा है। दुनिया के दूसरे देशों को भी इसे करना चाहिए।
जावडेकर ने कहा- अगले महीने स्पेन में होने वाली कॉप-25 में रखूंगा मुद्दा
उन्होंने इस दौरान यह भी साफ किया कि पेरिस समझौते में किए गए वादे के तहत विकासशील देशों को पर्यावरण संरक्षण के लिए पैसा और तकनीक दोनों ही मिलनी चाहिए। वह फिलहाल अगले महीने स्पेन में पर्यावरण पर होने वाली कॉप-25 में जा रहे है, जहां वह उसे प्रमुखता से उठाएगे।
लोकसभा में वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर चर्चा
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री शुक्रवार को लोकसभा में वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर आयोजित चर्चा पर जवाब दे रहे थे। बता दें कि यह मुद्दा इसलिए भी अहम है, क्योकि हाल ही में अमेरिका ने पेरिस समझौते से अलग होने की घोषणा की है। स्पेन में होने वाली बैठक में यही मुद्दा सबसे ज्यादा गरम रहेगा।
वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर सभी को मिलकर काम करना होगा
उन्होंने इस दौरान लोकसभा में तीन दिनों तक हुई इस चर्चा को लेकर खुशी जताई और सांसदों की ओर से आए सुझावों का भी स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पर्यावरण ऐसा विषय है, जिसमें जब तक सभी मिलकर नहीं काम करेंगे, तब तक सफलता नहीं मिलेगी।
आज की जरुरत विकास भी है और पर्यावरण की रक्षा भी
उन्होंने कहा कि आज की जरुरत विकास भी है और पर्यावरण की रक्षा भी। दोनों ही साथ में करना होगा। दिल्ली मेट्रो इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है। जिसमें जितने पेड़ काटे गए थे, उनमें से एक पेड़ की जगह पांच पेड़ लगाए गए थे। जो दिल्ली में देखे जा सकते हैं।
पर्यावरण संरक्षण पर भारत के किए गए कामों की चर्चा दुनिया भर में होती है- जावडेकर
जावडेकर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर भारत के किए गए कामों की चर्चा आज दुनिया भर के देशों में हो रहा है, जहां वन क्षेत्र बढ़ा है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दो ही देश ऐसे थे, जिन्होंने जब वन क्षेत्र घट रहा था, तो उन्होंने बढाया है।
भारत ने किया अपारंपरिक ऊर्जा में बढ़ी छलांग लगाने की फैसला
इसके साथ ही हमने अपारंपरिक ऊर्जा के क्षेत्र में बढ़ी छलांग लगाने की फैसला किया है। इसके तहत 2030 तक भारत में 4.50 लाख मेगावट अपारंपरिक ऊर्जा तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।
बीजिंग ने 15 साल में प्रदूषण से निजात पायी थी हम इससे पहले ही कर दिखाएंगे
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने गुरुवार को राज्यसभा में भी इस मुद्दे पर रखी गई चर्चा में जवाब दिया था। जिसमें कहा था कि बीजिंग ने 15 साल में प्रदूषण से निजात पाया था, हम उससे पहले ही करेंगे दिखाएंगे।
जावडेकर ने साधा दिल्ली सरकार पर निशाना, कहा- काम हम रहे है, नाम दूसरा कर रहा है
केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने इस दौरान दिल्ली सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने वैस्टर्न पैरीफेरल सहित कई बड़े काम किए है, लेकिन हमारे यहां प्राब्लम है। काम कोई करे, टोपी पहले कोई। देखने को मिल रहा है, कि हम काम कर रहे है, जबकि प्रचार-प्रसार कोई दूसरा दे रहा है। पैरीफेरल वे हमने बनाया, जबकि राज्य सरकार ने पैसा तक नहीं दिया। बाद में कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा।
हाइड्रोजन फ्यूल पर साफ की स्थिति
जावडेकर ने इस दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर से हाइड्रो फ्यूल को लेकर उठाए गए सवाल का भी जवाब दिया और कहा कि इसके अलावा और भी विकल्प भी है। बीएस-6 भी है, जो वर्ष 2024 में होना था, पर अब 2020 में होगा। हालांकि हाइड्रो फ्यूल के सवाल पर कहा कि हम तो चाह रहे है। भारत वैसे भी ऐसे सभी तकनीक को इस्तेमाल करने के लिए तैयार है, जिसमें प्रदूषण कम हो सकता है।