जम्मू में छह महीनों के लिए बंद हुआ दरबार, 7 मई को श्रीनगर में खुलेगा
जम्मू कश्मीर में दरबार मूव पर सालाना खर्च होने वाला 300 करोड़ रुपये वित्तीय मुश्किलों को बढ़ाता है।
जम्मू (राज्य ब्यूरो)। दो राजधानियों वाले राज्य जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती सरकार का दरबार शीतकालीन राजधानी जम्मू में शुक्रवार दोपहर को छह महीनों के लिए बंद हो गया। अब दरबार सात मई से श्रीनगर में काम करना शुरू करेगा। महाराजा के समय की दरबार मूव की परंपरा को सरकारों ने जारी रखा है। राज्य सचिवालय और राजभवन मई से अक्टूबर के अंत तक श्रीनगर से प्रशासनिक कामकाज चलाएंगे।
इस दौरान जम्मू सचिवालय में सरकारी विभागों तथा विधानसभा व विधान परिषद सचिवालय को ताला लगाकर सील कर दिया जाएगा। शुक्रवार को जम्मू में कामकाज के अंतिम दिन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने कार्यालय में कुछ जरूरी कामकाज निपटाए। दोपहर को मुख्यमंत्री, मंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों की मेजों पर मौजूद जरूरी फाइलें श्रीनगर ले जाने के लिए पैक कर दी गईं। कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को सचिवालय के कश्मीरी कर्मचारियों का काफिला व रविवार को सरकारी रिकॉर्ड श्रीनगर रवाना होगा। जम्मू के कर्मचारी चंद दिन घरों में छुट्टी बिताने के बाद पांच- छह मई को कश्मीर जाएंगे। तंगहाली के दौर से गुजर रहे जम्मू कश्मीर में दरबार मूव पर सालाना खर्च होने वाला 300 करोड़ रुपये वित्तीय मुश्किलों को बढ़ाता है। सुरक्षा खर्च मिलाकर यह 400 करोड़ से अधिक हो जाता है।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में राजसी प्रथा अभी भी जारी है। मौसम के बदलाव के साथ ही हर छह महीने के बाद राजधानी को बदलने की प्रथा को फिलहाल समाप्त नहीं किया गया है। गर्मियों में राजधानी जम्मू से श्रीनगर चली जाती है और छह महीनों के बाद सर्दियों की आहट के साथ ही यह जम्मू आ जाती है। इस राजधानी बदलने की प्रक्रिया को राज्य में 'दरबार मूव' के नाम से जाना जाता है।