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राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से मिले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, घाटी में ताजा हालात की दी जानकारी

मंजे हुए राजनीतिज्ञ मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाकर मोदी सरकार ने वहां नई राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने संकेत दिया था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 08:40 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 08:42 PM (IST)
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से मिले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, घाटी में ताजा हालात की दी जानकारी
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से मिले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, घाटी में ताजा हालात की दी जानकारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नए उपराज्यपाल के रूप में जम्मू-कश्मीर की बागडोर संभालने के बाद मनोज सिन्हा अब दिल्ली दौरे पर हैं। सोमवार को उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात कर केंद्र शासित प्रदेश के ताजा हालात की जानकारी दी। माना जा रहा है कि सिन्हा जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर सकते हैं।

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मंजे हुए राजनीतिज्ञ मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाकर मोदी सरकार ने वहां नई राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करने संकेत दिया था। माना जा रहा है कि सिन्हा इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा कर सकते हैं। चर्चा तो यहां तक है कि सिन्हा राजनीतिक प्रक्रिया को सुनिश्चित दिशा और ठोस आधार देने के लिए एक राजनीतिक सलाहकार परिषद (पॉलिटिकल एडवाइजरी कौंसिल) का गठन भी कर सकते हैं। जो उपराज्यपाल के अन्य सलाहकारों से अलग स्वतंत्र रूप में काम करेगा। इस राजनीतिक सलाहकार परिषद में जम्मू-कश्मीर के विभिन्न वर्गो और क्षेत्रों के लोगों को प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है।

घाटी में नजरबंद और गिरफ्तार राजनेताओं को किया गया रिहा

ध्यान देने की बात है कि अनुच्छेद 370 और 35ए निरस्त होने और जम्मू-कश्मीर के विभाजन व केंद्र शासित प्रदेश बनने से बाद से राज्य में राजनीतिक गतिविधियां बिल्कुल ठप हैं। वैसे तो पिछले साल पांच अगस्त को नजरबंद और गिरफ्तार किये गए अधिकांश राजनेताओं को रिहा कर दिया गया है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत कुछ राजनेता अब भी हिरासत में हैं। माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बीच नौकरशाही के बंटवारे के बाद सीटों की परिसीमन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। परिसीमन के बाद राज्य में विधानसभा का चुनाव होगा। लेकिन राष्ट्रीय कांफ्रेंस और पीडीपी पूर्ण राज्य का दर्जा दिये जाने और अनुच्छेद 370 को वापस लाने की मांग पर अड़े हैं। जाहिर है राजनीतिक प्रक्रिया की शुरूआत आसान नहीं होगा। ऐसे में मनोज सिन्हा स्थापित दलों के अलावा नए राजनीतिक विकल्पों की तलाश कर सकते हैं।


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