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जम्मू-कश्मीर प्रशासन Article 370 हटने के बाद नजरबंद किए गए लोगों को देगा राहत

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कश्मीर में नजरबंद तीन राजनेताओं को रिहा करने का फैसला किया है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 08:34 AM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 10:21 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर प्रशासन Article 370 हटने के बाद नजरबंद किए गए लोगों को देगा राहत
जम्मू-कश्मीर प्रशासन Article 370 हटने के बाद नजरबंद किए गए लोगों को देगा राहत

श्रीनगर, प्रेट्र। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने हालात की समीक्षा के बाद गुरुवार को कश्मीर में नजरबंद तीन और राजनेताओं को रिहा करने का फैसला किया है। इनमें यावर मीर, नूर मोहम्मद और शोएब लोन शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो इन नेताओं को बांड भरने के बाद रिहा किया जाएगा। इसके तहत वह रिहा होने के बाद कोई ऐसा काम नहीं करेंगे, जिससे शांति भंग हो। यावर मीर रफियाबाद विधानसभा सीट से पीडीपी के पूर्व विधायक हैं। शोएब लोन ने उत्तरी कश्मीर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और असफल रहे थे। वहीं, बाद में उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्हें पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन का करीबी माना जाता था। वहीं नूर मोहम्मद नेकां कार्यकर्ता हैं।

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राज्यपाल प्रशासन ने इससे पहले 21 सितंबर को स्वास्थ्य के आधार पर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के इमरान अंसारी और सैयद अखून को रिहा कर दिया था। बता दें कि केंद्र सरकार के 5 अगस्त के फैसले के बाद राजनेताओं, अलगाववादियों, कार्यकर्ताओं और वकीलों सहित एक हजार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था। बंदियों में तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं।

250 से अधिक जम्मू और कश्मीर के बाहर की जेलों में भेजे गए। फारूक अब्दुल्ला को बाद में कड़े सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था, जबकि अन्य राजनेताओं को आपराधिक प्रक्रिया संहिता के विभिन्न वर्गों के तहत हिरासत में लिया गया था। बता दें कि भारत ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से Article 370 को हटा दिया था।

इसके बाद वहां स्थिति को समझते हुए कई नेताओं को हिरासत में लिया गया था। भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस ले लिया था। इसके पीछे जो वजह बताई गई वो राज्य में रुक रहा विकास। देश की कई सुविधा राज्य को सिर्फ इसलिए नहीं मिल पाती थी क्योंकि वहां अनुच्छेद 370 लागू था।  


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