कोरोना से मरे लोगों को दफनाने के मामले में जमीयत पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, पक्षकार बनाने की मांग
मुंबई के एक व्यक्ति ने कोरोना से मरने वालों को अपने घर के समीप कब्रगाह में दफनाने का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। वहीं जमीयत ने इस पर विरोध जताया है...
नई दिल्ली, पीटीआइ। मुंबई के एक व्यक्ति ने कोरोना से मरे लोगों को अपने घर के समीप कब्रगाह में दफनाने का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जमीयत उलमा-ए-हिंद ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले में खुद को एक पक्षकार बनाने की मांग की है। बता दें कि मुंबई निवासी प्रदीप घांडी ने बांद्रा पश्चिम स्थित कब्रगाह में कोरोना महामारी से मरे लोगों को दफनाने के खिलाफ बांबे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
प्रदीप घांडी का कहना था कि इससे कब्रगाह से सटे इलाकों में संक्रमण फैलने का खतरा है। लेकिन, बांबे हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनकी याचिका पर जस्टिस आरएफ नरीमन और इंदिरा बनर्जी की पीठ चार मई को सुनवाई करेगी।
वहीं जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर खुद को पक्षकार बनाने की मांग करते हुए कहा है कि संक्रमित व्यक्ति के शव को दफनाने से संक्रमण फैलने का कोई खतरा अब तक ज्ञात नहीं है। जमीयत का कहना है कि इस्लाम धर्म से मरने के बाद दफनाया जाना अनिवार्य है। यह धर्म को अपनाने के संवैधानिक अधिकार के तहत संरक्षित है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान वीडियो लिंक के माध्यम से सुनवाई कर रही है। अदालत का कहना है कि इस महामारी के दौर में न्याय की व्यवस्था को रोका नहीं जा सकता है। अदालत ने विभिन्न देशों के आंकड़ों के साथ यह बताया है कि वर्चुअल कोर्ट से सुनवाई के मामले में भारत का सुप्रीम कोर्ट अन्य देशों की अदालतों की तुलना में अव्वल है।
उल्लेखनीय है कि पिछले चौबीस घंटे में देश में कोरोना संक्रमण से 71 लोगों की जान गई है और 2,411 नए केस मिले हैं और संक्रमितों की संख्या 37,776 हो गई है और जबकि, मृतकों का आंकड़ा 1,223 पर पहुंच गया है। महाराष्ट्र में 36 और गुजरात में 26 मौतें हुई हैं। गुजरात में संक्रमितों की संख्या पांच हजार को पार कर गई है। महाराष्ट्र में 790 नए मामले मिले हैं। महामारी के प्रकोप के लिहाज से तो ये आंकड़े डराने वाले हैं।