राफेल मुद्दे पर जेटली ने जेपीसी गठन को किया खारिज, कहा- कांग्रेस का दुष्प्रचार जारी
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को भी राफेल मुद्दे पर हमला जारी रखा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को भी राफेल मुद्दे पर कांग्रेस पर हमला जारी रखा। उन्होंने जेपीसी के गठन की संभावना को खारिज किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कांग्रेस के लिए बुरा नुकसान बताया। उन्होंने कहा कि इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की क्लीन चिट के बाद सीएजी का विचार प्रासंगिक नहीं है।
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले चार दिनों में विभिन्न विरोधों के कारण कामकाज बाधित रहा। इस बारे में जेटली ने कहा कि प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस राफेल पर सत्र के बाकी हिस्सों में चर्चा के दौरान बाधाओं को प्राथमिकता देगी।
कांग्रेस, जो सुप्रीम कोर्ट में राफेल मुद्दे पर याचिकाकर्ता नहीं थी, चाहती है कि राफेल डील को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के जरिए लड़ाकू विमानों की कीमत को जांचा जाए। कांग्रेस का कहना है कि लड़ाकू विमानों के निर्माण में लगभग कोई अनुभव नहीं होने के बाद भी सरकारी कंपनी एचएएल की जगह प्रमुख उद्योगपति अनिल अंबानी के समूह को ऑफसेट पार्टनर के रूप में चुना गया था।
फैसले के बाद डील को मिली वैधता
'राफेल- झूठ और अब फिर झूठ?' शीर्षक से लिखे फेसबुक ब्लॉग में जेटली ने लिखा, 'सुप्रीम कोर्ट द्वारा आखिरी बात कह देने के बाद, सौदे की वैधता साबित हो चुकी है। कोर्ट ने जो कुछ कहा है, कोई राजनीतिक निकाय कभी भी उससे अलग कुछ नहीं पा सकता।' फैसले में सीएजी और पीएसी वाले एंगल पर उन्होंने कहा कि डिफेंस ट्रांजेक्शंस सीएजी के पास ऑडिट रिव्यू के लिए जाते हैं और उसके बाद उन्हें पीएसी (पब्लिक अकाउंट्स कमिटी) को भेजा जाता है।
कोर्ट के सामने पेश की गई सही तस्वीर
जेटली ने कहा, 'सरकार ने कोर्ट में तथ्यात्मक और सही-सही बात कही। राफेल का ऑडिट रिव्यू अभी सीएजी के पास लंबित है। सभी तथ्य उसके साथ साझा किए जा चुके हैं। जब यह रिपोर्ट तैयार हो जाएगी तो यह पीएसी के पास जाएगी।' उन्होंने कहा कि कोर्ट के सामने सही तस्वीर पेश की जा चुकी है और अब यह कोर्ट के विवेक पर है कि बताए कि सीएजी का रिव्यू किस चरण में लंबित है।'
फैसले के बारे में कांग्रेस ने शुरू किया दुष्प्रचार
जेटली ने लिखा कि सीएजी रिव्यू प्रासंगिक नहीं है। उन्होंने कहा, 'प्रक्रिया, प्राइसिंग और ऑफसेट सप्लायर्स को लेकर कोर्ट के अंतिम नतीजों के लिए सीएजी रिव्यू प्रासंगिक नहीं है, लेकिन कांग्रेस कभी भी सच को स्वीकार नहीं करती। तमाम झूठ पकड़े जाने के बाद अब वे जजमेंट के बारे में दुष्प्रचार शुरू कर चुके हैं।'
नया झूठ गढ़ रही है कांग्रेस
वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस जब अपने शुरुआती झूठ में नाकाम हो गई तो अब फैसले के बारे में नए झूठ गढ़ रही है। उन्होंने कहा, 'अदालत ने न्यायिक समीक्षा की। वह स्वतंत्र, भेदभावरहित और निष्पक्ष संवैधानिक संस्था है। कोर्ट का फैसला ही फाइनल है। इस फैसले की समीक्षा उसके अलावा कोई और नहीं कर सकता।'
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जेपीसी गठन की प्रासंगिता नहीं
जेपीसी की मांग पर जेटली ने कहा कि एक संसदीय समिति कोर्ट के नतीजों से अलग नतीजे कैसे दे सकती है। उन्होंने सवाल किया क्या राजनीतिज्ञों की कोई समिति किसी ऐसे मुद्दे की समीक्षा के लिए कानूनी तौर पर सक्षम है, जिसका फैसला सुप्रीम कोर्ट पहले ही कर चुका है।