Move to Jagran APP

संयुक्त राष्ट्र के 75 वें स्थापना दिवस पर स्मारक डाक टिकट जारी करते हुए जयशंकर ने कही ये बात

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के आदर्शों को भारत ने हमेशा मान रखा। भारत एक संस्थापक सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र के आदर्शों का हमेशा ख्याल रखे हुए है। उन्होंने शांति के लिए काम करने वाले लोगों का आभार व्यक्त किया।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 06:23 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 06:23 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र के 75 वें स्थापना दिवस पर स्मारक डाक टिकट जारी करते हुए जयशंकर ने कही ये बात
संयुक्त राष्ट्र के 75 वें स्थापना दिवस पर बोले विदेश मंत्री जयशंकर।

नई दिल्ली, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र के 75 वें स्थापना दिवस के मौके पर स्मारक डाक टिकट जारी करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के आदर्शों का भारत ने हमेशा मान रखा। उन्होंने कहा, 'एक संस्थापक सदस्य के रूप में भारत ने संयुक्त राष्ट्र के आदर्शों का दिल और आत्मा से सम्मान किया। यह उन सभी के लिए श्रद्धांजलि है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के झंडे के नीचे शांति और विकास को बनाए रखने में काम किया।'

prime article banner

इससे पहले हाल ही में जयशंकर ने कहा था कि बहुपक्षवाद गंभीर संकट में है और अब संयुक्त राष्ट्र में सुधार का समय आ गया है, जो विश्व समुदाय के हित में है। जयशंकर ने कहा था अभी पांच वीटो पॉवर वाले देशों और अन्य देशों के बीच अधिकारों की जो व्यवस्था है वो बनी रहती है तो संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता और प्रासंगिकता और कम होगी, जो विश्व समुदाय के हित में नहीं होगा। विदेश मंत्री पूर्व नौकरशाह और वित्त आयोग के वर्तमान चेयरमैन एनके सिंह की पुस्तक 'पोट्र्रेट्स ऑफ पॉवर : हाफ ए सेंचुरी ऑफ बीइंग एट ए रिंग साइड' के विमोचन के अवसर पर परिचर्चा में बोल रहे थे।

विदेश मंत्री ने कहा था कि यह संयुक्त राष्ट्र में सुधार का समय है। भाषणों और प्रतिबद्धताओं से आगे बढ़ने का वक्त है। पिछले 15 सालों से सिर्फ सुधार की बातें हो रही हैं। अगर हम सुधार के प्रति गंभीर हैं तो एक-एक बिंदु पर बातचीत करते हुए आगे बढ़ना होगा।

बता दें कि 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई थी। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाना, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानवाधिकार व विश्व शांति था। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इसकी स्थापना इसलिए की गई थी कि आगे फिर कभी विश्वयुद्ध की नौबत न आए। इसके सदस्य देशों की संख्या 193 है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.