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भारतीय कोर्ट में नहीं ठहरेगा इटली की अदालत का आदेश, मिशेल की बेल पर 22 को फैसला

मिशेल ने खुद को डिस्लेक्सिया बीमारी से ग्रसित बताया है। डिस्लेक्सिया पढ़ने लिखने से जुड़ी एक एक खास तरह की बीमारी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 20 Dec 2018 01:09 AM (IST)Updated: Thu, 20 Dec 2018 01:12 AM (IST)
भारतीय कोर्ट में नहीं ठहरेगा इटली की अदालत का आदेश, मिशेल की बेल पर 22 को फैसला
भारतीय कोर्ट में नहीं ठहरेगा इटली की अदालत का आदेश, मिशेल की बेल पर 22 को फैसला

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इटली की अदालत का आदेश भारतीय अदालत में नहीं ठहर पाएगा। यह दावा सीबीआइ ने बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत में किया है। जांच एजेंसी ने कहा कि कोर्ट में वह ऐसे सुबूत पेश करेगी, जिससे यह साबित हो जाएगा कि अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलीकॉप्टर घोटाले में मिशेल क्रिश्चियन ने बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। सीबीआइ ने यह दावा इटली की अदालत के उस आदेश पर किया है, जिसमें यह कहा गया था कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में मिशेल के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं। सीबीआइ ने कहा कि कोर्ट को पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध कराए गए थे। इसके बावजूद वीवीआइपी हेलीकॉप्टर घोटाले में साजिश की बात तो विदेशी कोर्ट ने मानी है, लेकिन किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी। जाहिर है कि कोर्ट का आदेश गलतियों से भरा है।

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इधर दोनों पक्षों को सुनने के बाद पटियाला कोर्ट ने मिशेल की जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है, जिसे 22 दिसंबर को सुनाया जाएगा। आरोपित को 28 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

यहां बता दें कि 57 वर्षीय आरोपित मिशेल की रिमांड खत्म होने पर सीबीआइ ने उसे विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार की कोर्ट में पेश किया। यहां जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आरोपित के वकील ने कहा कि उसे हिरासत में रखने की अब कोई जरूरत नहीं है। हस्ताक्षर का सैंपल दे दिया गया है, लेकिन उसका मिलान करने के लिए सीबीआइ के पास मुख्य दस्तावेज नहीं हैं। सीबीआइ पिछले 15 दिन से मिशेल से हिरासत में पूछताछ कर रही है। इतने समय में कोई बड़ा पर्दाफाश नहीं किया जा सका है।

वहीं सीबीआइ ने मिशेल को जमानत देने का विरोध करते हुए कहा कि वह फरार हो सकता है। उसने दुबई से भी भागने का प्रयास किया था। मिशेल प्रभावशाली व्यक्ति है। ऐसे में जमानत का वह गलत फायदा उठा सकता है। मिशेल को दुबई से भारत लाने में भी कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इस मामले में कई नए तथ्य सामने आ रहे हैं, जिनके बारे में छानबीन करना जरूरी है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआइ को बरामद नोट्स में एपी और एपपी जैसे कुछ कोड वर्ड मिले थे। इसके बारे में भी मिशेल ने अब तक कुछ भी नही बताया है। इसे लेकर सीबीआइ के टॉप अधिकारी भी मिशेल से पूछताछ कर चुके हैं।

सीबीआइ ने कोर्ट में बताया कि मिशेल ने खुद को डिस्लेक्सिया बीमारी से ग्रसित बताया है। डिस्लेक्सिया पढ़ने लिखने से जुड़ी एक एक खास तरह की बीमारी है। इस बीमारी में पीडि़त को पढ़ने, लिखने, स्पेलिंग लिखने या बोलने में कठिनाई होती है। आमिर खान ने इसी विषय पर 'तारे जमीन पर' फिल्म बनाई थी।


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