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अजीत पवार के रिश्तेदारों की कंपनियों पर आईटी के छापे , एनसीपी ने कहा- छवि खराब करने की कोशिश

महाराष्ट्र के वित्तमंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के रिश्तेदारों से संबंधित कंपनियों पर आज सुबह से आयकर विभाग की छापेमारी चल रही है। राकांपा ने इसे भाजपा की ओर से पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश करार दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 07:37 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 07:37 PM (IST)
अजीत पवार के रिश्तेदारों की कंपनियों पर आईटी के छापे , एनसीपी ने कहा- छवि खराब करने की कोशिश
महाराष्ट्र के वित्तमंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार

मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र के वित्तमंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के रिश्तेदारों से संबंधित कंपनियों पर आज सुबह से आयकर विभाग की छापेमारी चल रही है। राकांपा ने इसे भाजपा की ओर से पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश करार दिया है। सूत्रों के अनुसार आज सुबह सात बजे से ही पुणे, सातारा एवं कोल्हापुर जिलों में कुछ चीनी मिलों सहित अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर आयकर की टीमों ने पहुंचकर छापेमारी शुरू कर दी।

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चीनी मिलों पर मारे गए छापे

आयकर विभाग के अधिकारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ छापा मारने पहुंचे थे। आयकर की छापेमारी पवार परिवार का गढ़ माने जानेवाले बारामती क्षेत्र की दौंड चीनी मिल, सातारा की जरंडेश्वर चीनी मिल, अहमदनगर की अंबालिका चीनी मिल तथा बारामती की श्रीबर डायनमिक्स डायरीज आदि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर हुई। इसी वर्ष जुलाई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सातारा की जरंडेश्वर चीनी मिल की 65 करोड़ की संपत्तियां जब्त कर ली थीं। पवार के एक रिश्तेदार की इस कंपनी पर यह कार्रवाई महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक घोटाले के सिलसिले में हुई थी।

रिश्तेदारों पर पड़े छापों पर दुख जताया

गुरुवार को ही आयकर विभाग की छापेमारी के बाद अजीत पवार ने माना कि उनकी कुछ कंपनियों पर आयकर विभाग ने छापे मारे हैं। पवार ने कहा कि हम राज्य के वित्तमंत्री हैं एवं आयकर के नियमों को अच्छी तरह जानते हैं। हमारी कंपनियों में सभी वित्तीय नियमों का पालन किया जाता है। इनमें किसी भी प्रकार के टैक्स की चोरी कभी नहीं की गई है। पवार के अनुसार आयकर विभाग को जहां कुछ भी संदिग्ध लगता है, उसे उसकी जांच करने का पूरा अधिकार है। हां, ये छापे किसी राजनीतिक मंशा के तहत हैं या नहीं, यह तो आयकर विभाग ही बता सकता है। लेकिन पवार ने अपने रिश्तेदारों पर पड़े छापों पर दुख जताया है।

केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को याद रखेगी जनता

उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि आयकर विभाग ने मेरी तीन बहनों की कंपनियों पर छापे मारे। उनमें से एक कोल्हापुर में रहती हैं, दो पुणे में। मुझे नहीं पता कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। वो लोग अपना व्यवसाय वर्षों से बहुत कायदे से चलाते आ रहे हैं। पवार के अनुसार यदि उन पर ये छापे सिर्फ इसलिए डाले गए हैं, क्योंकि वे मेरी बहनें हैं तो अगले चुनावों में महाराष्ट्र की जनता केंद्रीय एजेंसियों के इस प्रकार हो रहे दुरुपयोग को याद रखेगी। पवार ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि भाजपा के किसी नेता के कारखाने पर किसी केंद्रीय एजेंसी की छापेमारी क्यों नहीं हो रही है?

पार्टी के नेतृत्व की छवि खराब करने की कोशिश

राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार में वरिष्ठ मंत्री जयंत पाटिल ने इन छापों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि निस्संदेह यह पार्टी के नेतृत्व की छवि खराब करने के लिए भाजपा नेताओं की चाल है। यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि भाजपा राकांपा नेताओं को परेशान करने पर क्यों तुली है? पाटिल के अनुसार अब तो यह चलन बन चुका है कि भाजपा नेता हम लोगों का नाम लेते हैं और ईडी, सीबीआई के लोग हम पर छापा मारने दौड़ पड़ते हैं।


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