राष्ट्रीय सुरक्षा को राजनीति में घसीटना ठीक नहीं: वेंकैया नायडू
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राजनीतिक दलों को आगाह किया कि देश की सुरक्षा को राजनीति में न घसीटें। उन्होंने चुनावी साल में तोहफे बांटने की राजनीतिक दलों की होड़ पर भी उंगली उठाई।
नीलू रंजन, नेल्लोर (आंध्रप्रदेश)। आंध्रप्रदेश के एक एनजीओ के कार्यक्रम में जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ग्रामीण विकास की महात्मा गांधी की अवधारणा को नए सिरे से लागू करने की ज़रूरत बताई और तकनीक पर बल दिया। वहीं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राजनीतिक दलों को आगाह किया कि देश की सुरक्षा को राजनीति में न घसीटें। उन्होंने चुनावी साल में तोहफ़े बांटने की राजनीतिक दलों की होड़ पर भी उंगली उठाई।
शुक्रवार को राष्ट्रपति नेल्लोर में नायडू की पुत्री के एनजीओ स्वर्ण भारत ट्रस्ट के 18 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्त्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में गए थे। सामान्यतया राजनीति पर प्रतिक्रिया देने से नहीं चूकने वाले नायडू ने कहा- अब सिर्फ सुखियां बटोरकर चुनाव नहीं जीता जा सकता है। बल्कि जनता मतदान के पहले यह भी देखने लगी है कि असल में इसके लिये कितना काम किया गया है।
अपने बेटे और बेटी के राजनीति से दूर रहने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर लोगों की सेवा करना ज्यादा जरूरी है और यह राजनीति से दूर रह भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि एक बार ख़ुद अटल बिहारी वाजपेयी ने उनकी बेटी दीपा वेंकट को राजनीति में आने का आफर दिया था, लेकिन मेरी बेटी ने इससे इनकार दिया। उसके बजाय उसने ग्रामीण इलाक़े में महिलाओं, बच्चों, युवाओं और किसानों के उत्थान के लिए सामाजिक सेवा का क्षेत्र चुना।
पिछले पाँच दशक से राजनीति में सक्रिय रहे नायडू ने कहा कि शहर और गाँव के बीच विकास की खाई पाटने के उद्देश्य से उन्होंने स्वर्ण भारत ट्रस्ट की स्थापना की थी। नेल्लोर से लगभग 15 किलोमीटर दूर वेंकटाचलम गाँव में स्थित स्वर्ण भारत ट्रस्ट आज इलेक्ट्रीशियन, कार व मोटर साइकिल मैकेनिक, समेत लगभग एक दर्जन क्षेत्रों में युवाओं को ट्रेनिंग देता है। इसी तरह महिलाओं और किसानों की ट्रेनिंग की अलग से व्यवस्था है।
इन सभी को ट्रेनिंग के साथ ही अपना रोज़गार शुरू करने के लिए कैंपस में ही स्थित आँध्रा बैंक और यूनियन बैंक की शाखाओं से लोन की सुविधा भी उपलब्ध है। ट्रस्ट में विभिन्न बीमारियों के मुफ़्त उपचार की सुविधा उपलब्ध है, जहाँ हज़ारों ग़रीबों का इलाज किया जाता है।