Move to Jagran APP

17 जातियों को एससी में शामिल करने का मुद्दा : केंद्र ने यूपी सरकार के फैसले को कहा असंवैधानिक

उत्तर प्रदेश में 17 अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) को अनुसूचित जाति में शामिल करने के राज्य सरकार के फैसले को केंद्र ने असंवैधानिक करार दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 02 Jul 2019 06:09 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2019 08:03 PM (IST)
17 जातियों को एससी में शामिल करने का मुद्दा : केंद्र ने यूपी सरकार के फैसले को कहा असंवैधानिक
17 जातियों को एससी में शामिल करने का मुद्दा : केंद्र ने यूपी सरकार के फैसले को कहा असंवैधानिक

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में 17 अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) को अनुसूचित जाति में शामिल करने के राज्य सरकार के फैसले को केंद्र ने असंवैधानिक करार दिया है। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान नेता सदन और केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने बसपा नेता के उठाये इस सवाल के जवाब में कहा कि राज्य सरकार सिर्फ प्रस्ताव भेज सकती है। इस तरह के प्रस्तावों पर फैसला करना संसद के अधिकार क्षेत्र का मामला है।

loksabha election banner

राज्यसभा में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने यूपी सरकार से इस फैसले को वापस लेने को कहा है। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार का फैसला कानूनी रूप से उचित नहीं है। केंद्र सरकार ने योगी सरकार को 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जारी करने से रोकने के निर्देश भी दिए हैं।

राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा, 'यह पूरी तरह से असंवैधानिक है। यह संसद का विशेषाधिकार है। यह किसी भी विधि न्यायालय में मान्य नहीं है। हम योगी सरकार से इस फैसले को वापस लेने का अनुरोध करेंगे।' राज्यसभा में शून्य काल के दौरान बहुजन समाज पार्टी के दिग्गज नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने यूपी सरकार के फैसले पर सवाल उठाया था।

बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा कहा 'यूपी सरकार ने 17 जातियों को ओबीसी की सूची से बाहर करते हुए, अनुसूचित जाति का सर्टिफिकेट देने के लिए कहा है। यूपी सरकार का यह फैसला पूरी तरह से गैर संवैधानिक है। इन 17 जातियों के साथ यह धोखा हुआ है। अब ये जातियां ओबीसी से भी हट गईं और अनुसूचित जाति के दायरे में बिना संविधान में बदलाव किए आ नहीं सकतीं हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से यूपी सरकार को आदेश वापस लेने के लिए एडवाइजरी जारी की जाए।'

सतीश चंद्र मिश्रा के उठाए गए सवालों के जवाब में गहलोत ने कहा कि किसी जाति को किसी अन्य जाति के वर्ग में डालने का काम संसद का है। अगर यूपी सरकार 17 जातियों को ओबीसी से एससी में लाना चाहती है तो उसके लिए प्रक्ति्रया है। राज्य सरकार ऐसा कोई प्रस्ताव भेजेगी तो संसद उस पर विचार करेगी।

दरअसल, 24 जून को यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 17 पिछड़ी जातियों (ओबीसी) को अनुसूचित जाति (एससी) में शामिल करने के निर्देश दिए। इन जातियों में कश्यप, राजभर, धीवर, बिंद, कुम्हार, कहार, केवट, निषाद, भर, मल्लाह, प्रजापति, धीमर, मांझी, बाथम, तुरहा, गोदिया, मछुआ शामिल हैं।

सदन के सभापति ने एम. वेंकैया नायडू ने गहलोत से कहा है कि वह राज्य सरकार से प्रक्रिया के पालन करने के निर्देश दें। शून्यकाल के दौरान बसपा नेता मिश्र ने संविधान की धारा 341 के अनुच्छेद के तहत यह अधिकार केवल संसद को प्राप्त है। राष्ट्रपति के पास भी जातियों के एक वर्ग से दूसरे वर्ग में स्थांतरित करने का अधिकार नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.