ISIS Module Crackdown के बहाने जेटली का कांग्रेस पर वार, बोले- बिना निगरानी ये कैसे संभव होता?
ISIS Module Crackdown का हवाला देते हुए अरुण जेटली ने सरकार के नए निगरानी नियमों को सही ठहराया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आइएसआइएस के आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ (ISIS Module Crackdown) के लिए जांच एजेंसियों को बधाई दी है। साथ ही उन्होंने इस भंडाफोड़ के उदाहरण देते हुए सरकार के निगरानी नियमों (MHA Data Interception Notification) को सही ठहराया है। जेटली ने पूछा है कि अगर निगरानी नहीं की गई होती तो इस आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ कैसे होता?
गौरतलब है कि कि हाल ही में सरकार ने नए निगरानी आदेश जारी किए हैं। जिन्हें लेकर काफी विवाद हो रहा है। विपक्षी दल इसे निजता पर हमला तक बता रहे हैं तो वहीं भाजपा के सहयोगी दल भी इस नियमों की आलोचना कर रहे हैं।
जेटली ने लिखा, 'खतरनाक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफो़ड़ करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को बहुत बधाई।' जेटली ने अगले ट्वीट में पूछा है, 'बिना इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन को इंटरसेप्ट किए क्या NIA के लिए इस आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करना संभव हो पाता?.
जॉर्ज ऑरवेल के हवाले से आलोचकों पर तंज
इसके बाद जेटली कांग्रेस की ओर से इशारा करते हैं और कहते हैं कि क्या उनके राज में निगरानी नहीं हुई?, निश्चित तौर पर जॉर्ज ऑरवेल मई, 2014 में पैदा नहीं हुआ है। बता दें कि जॉर्ज ऑरवेल एक लेखक रहे हैं, जिन्होंने 1984 के नाम से एक किताब लिखी। इसमें राजा का किरदार अपने नागरिकों की हर छोटी-बड़ी बात पर निगरानी रखता है। अंत में जेटली लिखते हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता सर्वोपरि है। जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता केवल एक मजबूत लोकतांत्रिक राष्ट्र में बची रहेगी - एक आतंकवादी प्रभुत्व वाले राज्य में नहीं।
क्या हैं नए निगरानी नियम?
इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी कानून के बने नियमों के तहत डाटा निगरानी के गृह मंत्रालय ने नए आदेश जारी किए हैं। इसके तहत 10 खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर की निगरानी का सीमित अधिकार दिया गया है। इसमें किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में दर्ज सारा डाटा जुटाने, उन पर नजर रखने और उन्हें डिक्रिप्ट करने का अधिकार शामिल है।
ये एजेंसियां रखेंगी नजर
खुफिया ब्यूरो (आइबी); नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी); प्रवर्तन निदेशालय (ईडी); केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी); राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआइ); केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ); राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए); रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ); जम्मू-कश्मीर, असम और पूवरेत्तर में कार्यरत सिगनल गुप्तचर महानिदेशालय और दिल्ली पुलिस को ही किसी की कंप्यूटर की निगरानी का अधिकार होगा
गृहमंत्री ने भी एनआइए को बधाई
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी आतंकी मंसूबकों को नाकाम करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी समेत खुफिया एजेंसियों को बधाई दी है। बता दें कि बुधवार को खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली समेत यूपी में भी कई जगह छापेमारी कर ISIS से प्रेरित मॉड्यूल से संबंध के शक में करीब दर्जनभर लोगों को गिरफ्तार किया है। एजेंसियों को अमरोहा और मेरठ से काफी अहम सुराग मिलने की जानकारी मिल रही है।