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भारत को तालिबान से मिलाने को तैयार ईरान, आज होगी सुषमा से जरीफ की वार्ता

ईरान पर लगे अमेरिका प्रतिबंध का आने वाले दिनों में भारत पर असर और कम हो जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 08:11 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 12:19 AM (IST)
भारत को तालिबान से मिलाने को तैयार ईरान, आज होगी सुषमा से जरीफ की वार्ता
भारत को तालिबान से मिलाने को तैयार ईरान, आज होगी सुषमा से जरीफ की वार्ता

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबान के लौटने के मजबूत होते आसार से संशकित भारत के समक्ष ईरान ने एक अहम प्रस्ताव किया है। ईरान भी भारत की तरह ही तालिबान से संशकित है लेकिन उसने कूटनीतिक समझदारी दिखाते हुए तालिबान से बात शुरु कर दी है। अब जबकि भारत के दौरे पर ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ आए हैं तो यह प्रस्ताव किया गया है कि अगर भारत चाहे तो तालिबान के साथ उसकी बातचीत शुरु कराने में ईरान मदद कर सकता है। जरीफ की भारत के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बुधवार को बात होगी और माना जा रहा है कि इसमें अफगानिस्तान का मुद्दा काफी अहम रहेगा।

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अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते प्रभाव से दोनो देश संशकित

सनद रहे कि रूस की अगुवाई में अफगानिस्तान में शांति बहाली में तालिबान को शामिल करने को लेकर जो वार्ता शुरु की गई थी उसे अब अधिकांश देश स्वीकार करने लगे हैं। हाल ही में पाकिस्तान की मध्यस्थता में तालिबान और अमेरिका के बीच भी दो दिनों तक अबु-धाबी में चर्चा का दौर चला। पाकिस्तान सरकार तो इसे अपनी एक अहम कूटनीतिक जीत के तौर पर पेश करने लगी है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने हाल ही में चीन की यात्रा की थी कि किस तरह से अफगानिस्तान में शांति वार्ता में तालिबान को शामिल करते हुए आगे बढ़ाया जाए। पूर्व में भी जब पाकिस्तान समर्थित तालिबान ने अफगानिस्तान में सरकार बनाई थी जब भारत के हितों को बहुत नुकसान पहुंचाया गया था। भारत की आशंका के पीछे वजह भी यहीं है।

अमेरिकी सरकार की तरफ से अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की संख्या घटाने के ऐलान के बाद भारतीय हितों पर उल्टा असर पड़ने की चिंता विदेश मंत्रालय में भी है। सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई वार्ता में यह मुद्दा उठा था।

उधर, हालात को देखते हुए ईरान ने तालिबान से सीधे तौर पर बात शुरु कर दी है। हालांकि तालिबान और ईरान के रिश्ते भी बेहद तल्ख रहे हैं। ईरान सरकार लगातार यह आरोप लगाती रही है कि अफगानिस्तान से सटे उसके सिस्तानी प्रांत में तालिबान आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।

जानकारों के मुताबिक बुधवार को जरीफ के साथ होने वाली मुलाकात में स्वराज तमाम द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करने के साथ ही तालिबान के साथ उसकी हो रही वार्ता पर भी जानकारी लेनी चाहेंगी। इसके अलावा इस बातचीत में चाबहार पोर्ट के विकास की भावी योजना और ईरान पर लगाये गये अमेरिकी प्रतिबंध से बचने के दूसरे उपायों पर भी चर्चा होगी।

मंगलवार को यहां सीआईआई की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में ईरान के विदेश मंत्री ने उम्मीद जताई कि जिस तरह से अभी अमेरिका ने भारत को ईरान से तेल खरीदने की छूट दी हुई है वैसी छूट आगे भी मिलती रहेगी। उन्होंने कहा कि ईरान भारत को लगातार तेल आपूर्ति करने के लिए तैयार है।

प्रतिबंध के समय भारत हमारे साथ खड़ा हुआ है, हम इसे नहीं भूल सकते, जब हमारा अच्छा समय आएगा तब भी हम इसे याद रखेंगे- मोहम्मद जवाद जरीफ, विदेश मंत्री (ईरान)।

भारत में खुलेगा ईरान का बैंक

ईरान पर लगे अमेरिका प्रतिबंध का आने वाले दिनों में भारत पर असर और कम हो जाएगा। क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने ईरान के किसी एक बैंक को भारत में शाखा स्थापित करने की इजाजत दे दी है। यह जानकारी सड़क, राजमार्ग व जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ से मुलाकात के बाद दी।

गडकरी ने बताया कि आरबीआइ की अनुमति के बाद तीन महीने के भीतर ईरान के बैंक की शाखा खुल जाएगी। गडकरी और जरीफ के बीच भारत की मदद से बनाये जा रहे चाबहार पोर्ट के आगे विकास और वहां विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने की परियोजना पर भी बात हुई है।

चाबहार पोर्ट से जुड़ी परियोजनाओं के लिए वित्तीय लेन देन भारत का देना बैंक और ईरान का पासरगाद बैंक करेगा। भारत में ईरान के बैंक की शाखा खोलने से वैश्विक प्रतिबंध के बावजूद वहां से आयातित तेल का भुगतान करना आसान हो जाएगा।


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