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INX Media Case: चिदंबरम को राहत, SC अग्रिम जमानत पर 5 सितंबर को फैसला सुनाएगा

INX Media Case में गवाह बनी इंद्राणी मुखर्जी ने इस केस में पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर कहा है कि चिदंबरम का अरेस्ट होना अच्छी ख़बर है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 08:57 AM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 05:11 PM (IST)
INX Media Case: चिदंबरम को राहत,  SC अग्रिम जमानत पर 5 सितंबर को फैसला सुनाएगा
INX Media Case: चिदंबरम को राहत, SC अग्रिम जमानत पर 5 सितंबर को फैसला सुनाएगा

नई दिल्ली, एजेंसी। INX Media Case आईएनएक्स मीडिया मामले में सरकारी गवाह बनी इंद्राणी मुखर्जी ने पहली बार पी चिदंबरम की गिरफ्तारी पर खुलकर बोला है। इंद्राणी मुखर्जी ने चिदंबरम की गिरफ्तारी पर खुशी जताते हुए कहा है कि ये एक अच्छी खबर है।

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वहीं चिदंबरम की अग्रिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर तक फैसला सुरक्षित रखा है।कोर्ट ने ईडी  से सीलबंद कवर में जांच में एकत्रित सामग्री कोर्ट में देने को कहा है । सामग्री दी जाए कि न देखी जाए। इसे कोर्ट बाद में तय करेगा। पांच तक ईडी  की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी।

इंद्राणी की गवाही से सलाखों के पीछे चिदंबरम
पी चिदंबरम की गिरफ्तारी में जिस एक महिला ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई वह हैं इंद्राणी मुखर्जी। इंद्राणी मुखर्जी के एक बयान की वजह से पी चिदंबरम इस वक्त जेल में बंद हैं। इंद्राणी मुखर्जी, जो खुद अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं।

कौन हैं इंद्राणी मुखर्जी ?
इंद्राणी मुखर्जी एक मशहूर लाइजनर रही हैं। वह कई बड़े बिजनेसमैन, बड़ी हस्तियों से लेकर नेताओं तक पहुंच रखती हैं। इंद्राणी मुखर्जी को अगस्त 2015 में उनकी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई और जांच एजेंसी ने भी इंद्राणी मुखर्जी को इस हत्याकांड में आरोपी माना। इंद्राणी और सिद्धार्थ दास 1986 से 1989 तक संबंध में रहे हैं। इंद्राणी की गिरफ्तारी के साथ ही उनकी हाईप्रोफाइल जिंदगी के पन्ने खुलने लगे

इस बीच आरोपी पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को लेकर ईडी ने बड़ा खुलासा किया है। ईडी ने कहा है कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम इस केस से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं और इस कोशिश में वह विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं। न्यूज एजेंसी ऑल इंडिया रेडियों ने इस ख़बर की पुष्टि की है।

ईडी ने मांगी हिरासत
बता दें, INX Media मनी मनी लॉन्ड्रिंग मामले मेंं आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। ईडी की ओर से दलीलें पेश करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने चिदंबरम की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि चार्जशीट फाइल होने तक वह जांच रिपोर्ट को आरोपी के साथ शेयर नहीं कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट से झटका
चिदंबरम ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में ईडी के उन आरोपों को पूरी तरह नकार दिया कि उनके पास विदेश में कीमती संपत्तियां और 12 बैंक खाते हैं। चिदंबरम ने कहा कि वह अपनी हर संपत्ति की घोषणा कर चुके हैं। पीठ के समक्ष दायर जवाबी हलफनामे में चिदंबरम ने कहा है कि उनकी विदेश में न तो कोई संपत्ति है और न ही कोई खाता है। जबकि ईडी ने उनकी विदेश में 10 संपत्तियां और 17 बैंक खाते होने का आरोप लगाया है।

गौरतलब है कि चिदंबरम ने मनी लांडिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत की मांग की थी। साथ ही एक और याचिका दायर करके ईडी द्वारा पहले तीन बार की गई पूछताछ की ट्रांस्क्रिप्ट मुहैया कराने की भी मांग की थी। चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस आर. भानुमति और एएस बोपन्ना की पीठ के समक्ष कहा था कि हाईकोर्ट का याचिका खारिज करने का आदेश ठीक नहीं है।

चिदंबरम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हाईकोर्ट ने गंभीर अपराध का विशेषण जोड़ा है जबकि किसी अपराध की गंभीरता उसमें तय सजा से देखी जाती है। किसी मामले में जमानत मिलनी चाहिए या नहीं यह सिर्फ तीन चीजों से तय होता है। आरोपित साक्ष्यों से छेड़छाड़ न करे, जांच में सहयोग दे और भागे नहीं। इस मामले में चिदंबरम जांच में पूरा सहयोग दे रहे हैं।

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