विशेष बातचीत: झूठे विज्ञापनों पर केजरीवाल सरकार लुटा रही है पैसा- विजेंद्र गुप्ता
मुख्य सचिव से पिटाई के मामले में दिल्ली के भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता से बातचीत
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली में मुख्य सचिव के साथ मारपीट का मामला सुर्खियों में है। शिकातय दर्ज किए जाने के बाद राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार नई मुश्किलों में घिरती नजर आ रही है। इसी सिलसिले में दिल्ली पुलिस शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंची और सीसीटीवी फुटेज को अपने कब्जे में लिया। फिलहाल दिल्ली की सियासत इस मुद्दे पर गरमाई है। इस पूरे मामले पर दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता से सभी पहलुओं पर 'दैनिक जागरण' ने खास बातचीत की।
सवाल- मुख्य सचिव को घर बुलाकर बंद कमरे में कुछ विधायक मारे और उसके बाद इस मुद्दे पर राजनीति भी हो और इस पर एक्शन लेने के बजाय कहा जाए कि क्योंकि वो दिल्ली के लोगों को राशन नहीं दे रहे थे। इस वजह से दिल्ली के लोगों को परेशानी हो रही थी। ऐसे में मुख्य सचिव को रात के 12 बजे बुलाया था। वास्तविकता में क्या दिल्ली में रात के 12 बजे मीटिंग होती हैं क्या?
जवाब -मैं कहना चाहुंगा कि वास्तविकता में यह मामला तो भ्रष्टाचार का है, और झूठे विज्ञापन का है। जनता की खून पसीने की कमाई को झूठे विज्ञापनों पर लुटाने का है और जब एक ईमानादर चीफ सेक्रेट्री कहता है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइट के तहत कोई झूठा प्रचार नहीं जारी किया जा सकता है, तो ऐसे में मंत्री षठयंत्र करते हैं और रात 12 बजे अपने घर धोखे से बुलाते हैं। फिर 15 लोगों के साथ एक छोटे कमरे में बंद करते है और इस हद तक मारते हैं कि उनको चोटें आती हैं। जिन विधायकों ने मारा उनके खिलाफ मुख्यमंत्री कोई कार्रवाई नहीं करते है, उन विधायकों को बचाते हैं। अभी उनके एक और विधायक ने इस तरह की हरकत की है। क्योंकि ये अब आम आदमी पार्टी नहीं रही, ये गुंडा पार्टी बन चुकी है। इस पार्टी के नेता भ्रष्टाचार में लिप्त है और फिर जब कभी भ्रष्टाचार की कमाई के बंटवारे को लेकर कोई विवाद होता हैं, तो यह फिर जनता की दुहाई देकर कहते हैं कि इनको मारों, जिससे वो डरकर घर पर पैसे दे जाएं।
सवाल- ब्यूरो्क्रेसी में इस तरह का डर। जो देश और प्रदेश चलाते हैं ऐसे अधिकारियों ने पीएमओ के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के पास जाना पड़ा और कहा कि महिलाएं इस सरकार की कार्य प्रणाली से काफी डरी हुई है, और टाइम बे टाइम बुलाते है और जोर-जबदस्ती काम कराते हैं और जो मारपीट का मुद्दा हैं, वो तो है ही।
जवाब -यह मुद्दा यह है कि आखिर मामला क्या है। अगर वो मामला झूठे विज्ञापनों का है, अगर मुख्यमंत्री खुद अधिकारियों को पिटवा रहे हैं और यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले दर्जनों घटनाएं रही हैं। सवाल है अधिकारी काम नहीं करते हैं। वीके जैन तो आपके अधिकारी है, उनको रखने और हटाने का अधिकारी सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री का है। उन्होंने खुद बोला है कि चीफ सेक्रेट्री के साथ मारपीट की है, उनका चश्मा गिरा है। ऐसे में क्या हिंसा करके,मारपीट करके, दहशत करके दिल्ली में आतंक फैलाना चाहते हैं या फिर काम करने की बात कर रहै है्। लोगों के कोई काम नहीं हुए हैं। जनता त्राहि-त्राहि कर रही हैं। दिल्ली जल बोर्ड के चेयरमैन आप खुद है, उसके बावजूद लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। दूषित पानी घरों में आ रहा है। सड़के नहीं बन रही है। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। आपने तो बडी-बड़ी बातें की थी। लेकिन स्थिति ऐसी है कि आपके पास कोई काम गिनवाने के लिए नहीं है। ऐसे में आप विपक्ष पर आरोप लगाते हो। कभी अधिकारियों पर आरोप लगाते है, कभी केंद्र पर तो कभी उपराज्यपाल पर आरोप लगाते हैं। ऐसे में जनता समझ चुकी है, कि तू-तू मैं-मै करो। लेकिन काम न करो।
सवाल- आम आदमी पार्टी का कहना है कि जैसा पुलिस भी अपना काम कर रही है। 60-70 के करीब पुलिस वाले मुख्यमंत्री आवास गए और मुख्य सीसीटीवी कैमरे की तलाशी ली, उसमें सात खराब निकले और जिस कमरे में बैठक हुई, वो मुख्य कैमरा उसमें था नही। अब सवाल यह है कि अब जब संविधान के मुताबिक चीजें हो रही है, तो ऐसे में आम आदमी और दूसरे कार्यकर्ता समझते हैं कि भाजपा इम मुद्दे को भुना रही है।
जवाब -वास्तविकता यह है कि आम आदमी पार्टी के नेता समझते हैं कि वो नेता है और चुने हुए प्रतिनिधि है,इसलिए हम कानून से ऊपर है। इसलिए यूपी और बिहार की तरह हुआ करता था पहले। इसलिए अगर हम हत्या कर दें, बलात्कार कर दें, तो कुछ नहीं होगा। अगर इस मानसिकता से आप कार्यकर्ता काम कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री अपने घर पर किसी को भी बुलाकर पीटे, चूंकि वो मुख्यमंत्री का घर है, तो वहां पुलिस कैसे जांच कर सकती है, तो मैं उन्हें बता दें कि यह देश कानून से चलता है,यहां कानून का राज है।
सवाल- केजरीवाल ने एक बड़ा सवाल किया था, कि मेरे से तो पूछताछ हुई है, लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से जज की हत्या मामले में कब पूछताछ होगी
जवाब - इसका मतलब तो साफ है कि उनके पास कोई जवाब नहीं है। जब आप अपने ऊपर उठने वाले जवाब में कोई दूसरा सवाल करते हैं, तो इसका मतलबा आपके पास कोई जवाब नहीं है। आपको कोई और सवाल पूछना है, पूछिए।लेकिन जब आपने गाली गलौज किया, वो भी झूठे विज्ञापन के लिए। जब आप पकड़े गए तो लोगों का ध्यान बांटने के लिए कोई दूसरा मुद्दा उठाते हैं।
सवाल- इस मामले में मारपीट हुई या नहीं, इस पर कानून अपना काम करेगा। अदालत फैसला करेगी। लेकिन पिछले तीन सालों की बात करें, तो आम आदमी पार्टी एक बड़ा बहुमत लेकर आयी। कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। आपकी कुछ सीटें हैं। ऐसे में आप के इन तीन सालों का लेखा-जोखा देखा जाएं और अगले दो सालों में चुनाव होंगे। कांग्रेस कहती है कि दिल्ली विकास में पीछे चली गई। आपकी पार्टी का भी ऐसा कुछ मानना है।
जवाब -मैं कहूंगा कि कांग्रेस का शासन में भ्रष्टाचार था, जब कामनवेल्थ गेम्स हुए करोड़ो का घोटाला हुआ और फिर आप आदमी पार्टी जब से दिल्ली में आई है, तब से भ्रष्टाचार है, तू-तू मैं-मैं है। निष्क्रियता है।
सवाल- वो कहते हैं कि हम तो जीतकर आएं है, लेकिन भाजपा हमें काम नहीं करने दे रही है।
जवाब -मैं केजरीवाल को बता दूं कि आप तो जीतकर आएं है। लेकिन दिल्ली की जनता अपने आपको हारा हुआ महसूस कर रही है। मैं बता दूं कि भाजपा दिल्ली में विपक्ष में है। विपक्ष सरकार की नाकामयाबियों और सरकार के कुकर्म को उठाएगा। आप सदन में तो हमारा माइक बंद कर सकते हैं, क्योंकि आप बहुमत में हैं। आप वहां मार्शल बुला सरते हैं, हमें वहां से निकलने के लिए। लेकिन अगर विपक्ष सड़क पर सवाल करेगा, तो आपको जवाब देना होगा।
आपको सरकार की तरफ से काफी भली-बुरी बातें कही गयी है, आप खुद ही पढ़कर बताएं
-अभी मुझे ट्वीटर पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता ने, जो कि कारावल नगर का है, दिलीप कुमार। उसने ट्वीटर पर धमकी दी,क्योंकि मैं सत्तारुढ़ दल की पोल खोल रहा हू, उनके भ्रष्टाचार उजागर कर रहा हूं। उसने ट्वीटर पर लिखा है कि आप मत जाना गुप्ता जी, केजरीवाल के पास। केजरीवाल और उसके गुडें तुम्हें दो थप्पड़ से अपना साथ नहीं करेंगे। बल्कि जनता के बीच भगाभगाकर डंडा और जो कुछ भी मिलेगा, उससे पीटेंगे। ऐसे में अगर इनको मुख्यमंत्री का समर्थन मिल रहा है, क्योंकि यह खुद को गुड़े बता रहे हैं। ऐसे में कैसे अपेक्षा कर सकता हूं कि कानून अपना काम करेगा।
सवाल- ऐस में भाजपा इसको किस तरह से काउंटर करेगा।
जवाब -मैं एफआईआर लिखाने जा रहा हूं। पिछले हफ्ते भी मेरे पर मुख्यमंत्री आवास पर हमला हुआ था। मुझे लगातार ऐसी धमकियां मिल रही हैं। चैनल पर भी चला था। ऐसे में मेरे खिलाफ क्या साजिश रची जा सके। उसका भंडाफोड़ हो सके। अब फिर दोबारा धमकी आई, विपक्ष की आवाज दबाने के लिए। ऐसे में मुझ पर हमला करने की साजिश उजागर हो सके।
कानून अपना काम कर रहा है। पुलिस सबूत जुटाने का काम कर रही है। देखना होगा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की मुसकिलें बढ़ती है या फिर यह एक राजनीतिक मामला घोषित होता है।