'कश्मीर में यू हीं नहीं बंद थीं इंटरनेट सेवाएं, टली हैं कई बड़ी आतंकी घटनाएं'
जम्मू कश्मीर में 5 अगस्त के बाद इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था। इससे वहां कई आतंकी घटनाओं को रोकने में मदद मिली है।
जम्मू, पीटीआइ। जम्मू कश्मीर से 5 अगस्त को अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से वहां इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। इस दौरान लोगों को काफी असुविधा हुई, लेकिन इंटरनेट सेवाओं को बाधित करने से घाटी में कई आतंकी घटनाएं होने से बच गईं। यह बात कही है केंद्रीय मंत्री जितेंद्र प्रसाद ने। जितेंद्र प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन से पिछले दो महीनों में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को रोकने में मदद मिली है।
सिंह ने यह भी कहा कि जो लोग इंटरनेट सेवाएं बंद करने का विरोध कर रहे हैं, वह लोग या तो उनका जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को आगे बढ़ाने में स्वार्थ निहित है या तो वह भारत की संप्रभुता और आम आदमी की सुरक्षा की कीमत पर राजनीति करना चाहते हैं।
डोडा और किश्तवाड़ जिलों में 'दिशा' के नाम से मशहूर जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की अलग-अलग बैठकों में सिंह ने कहा कि इंटरनेट बंद रहने के कारण किश्तवाड़ में कई आतंकवादियों का सफाया हुआ।पीएमओ ने खुद कहा है कि घाटी में इंटरनेट बंद रहने से किश्तवाड़ और चिनाब क्षेत्र के अन्य हिस्सों में सक्रिय आतंकवादियों को पकड़ने में मदद मिली है।
उन्होंने कहा, 'लेकिन जम्मू इलाके में ऐसे लोग हैं जो इन आतंक समर्थन लोगों की बातों के जाल में फंस गए हैं और इंटरनेट सेवा बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं।' सिंह ने कहा कि इन राजनीतिक कार्यकर्ताओं के पास कोई मुद्दे नहीं बचे हैं। इसलिए ऐसे लोग आम लोगों के जान की कीमत पर भी इसे मुद्दा बनाने के लिए बेताब हैं।
उन्होंने कहा कि इन नेताओं में से कुछ, जो खुद को राष्ट्रवादी या देशभक्त या जम्मू के स्वयंभू अभिभावक घोषित करते हैं, वास्तव में विचारहीन बयान दे रहे हैं। असले में ये लोग पाकिस्तान की बोली बोल रहे हैं, आतंक को अंजाम देने वालों का समर्थन भी करते हैं