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'शहीदों का अपमान': राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के जलियांवाला बाग के नवीकरण की निंदा की

राहुल गांधी ने जलियांवाला बाग स्मारक के सरकार के पुनर्निर्माण को शहीदों का अपमान करार दिया। राहुल गांधी बोले कि केवल वो व्यक्ति ही जो शहादत का अर्थ नहीं जानता वह इस तरह का अपमान कर सकता है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 10:40 AM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 10:40 AM (IST)
'शहीदों का अपमान': राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के जलियांवाला बाग के नवीकरण की निंदा की
'शहीदों का अपमान': राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के जलियांवाला बाग के नवीकरण की निंदा की

नई दिल्ली, पीटीआइ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को जलियांवाला बाग स्मारक के सरकार के पुनर्निर्माण को 'शहीदों का अपमान' करार दिया। राहुल गांधी बोले कि केवल वो व्यक्ति ही जो शहादत का अर्थ नहीं जानता वह इस तरह का अपमान कर सकता है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शनिवार को जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित परिसर को राष्ट्र को समर्पित करने की बात कही गई थी, जिसपर पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने हमला बोला है।

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कार्यक्रम के दौरान मोदी ने स्मारक में संग्रहालय दीर्घाओं का डिजिटल उद्घाटन भी किया। इस कार्यक्रम में परिसर के उन्नयन के लिए सरकार द्वारा की गई कई विकास पहलों को भी प्रदर्शित किया गया। बता दें कि सरकार के इस कदम से सोशल मीडिया पर भी नाराजगी देखने को मिल रही है। वहीं, स्मारक के पुनर्निर्माण पर सोशल मीडिया पर चल रही एक रिपोर्ट को टैग करते हुए, गांधी ने ट्वीट किया, 'केवल एक व्यक्ति जो शहादत का अर्थ नहीं जानता, वह जलियांवाला बाग के शहीदों का ऐसा अपमान कर सकता है।'

उन्होंने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, 'मैं एक शहीद का बेटा हूं- शहीदों का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करूंगा।' उन्होंने आगे लिखा कि हम इस अभद्र क्रूरता के खिलाफ हैं। एक अन्य ट्वीट में, गांधी ने कहा कि जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष नहीं किया, वे संघर्ष करने वाले लोगों को नहीं समझ सकते।

इतिहास की रक्षा करना देश का कर्तव्य है, इस पर जोर देते हुए, प्रधान मंत्री मोदी ने कहा था कि अतीत की घटनाएं हमें सिखाती हैं और हमें आगे बढ़ने की दिशा देती हैं। उद्घाटन समारोह के दौरान ही, माल्यार्पण समारोह भी आयोजित किया गया था और जलियांवाला बाग हत्याकांड में मारे गए लोगों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया था।

नरसंहार के दिन की घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो आयोजित किया गया था। बता दें कि 13 अप्रैल, 1919 को जब ब्रिटिश सैनिकों ने रालेट एक्ट के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बीच जलियांवाला बाग में इकट्ठा हुए हजारों लोगों की निहत्थी भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं, तो 1000 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए।


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