पर्यावरण को लेकर असाधारण रूप से दूरदर्शी थीं इंदिरा गांधी
उनका कहना है कि जलवायु परिवर्तन और जंगलों की कटाई को लेकर वह उस समय चिंतित रहती थीं, जब कोई भी राजनेता पर्यावरण पर चर्चा करना पसंद नहीं करता था।
नई दिल्ली [प्रेट्र]। कांग्रेस नेता जयराम रमेश का मानना है कि पर्यावरण को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी असाधारण रूप से दूरदर्शी थीं। उनका कहना है कि जलवायु परिवर्तन और जंगलों की कटाई को लेकर वह उस समय चिंतित रहती थीं, जब कोई भी राजनेता पर्यावरण पर चर्चा करना पसंद नहीं करता था।
जयराम रमेश शुक्रवार को अपनी पुस्तक 'इंटरट्वींड लाइव्स : पीएन हक्सर एंड इंदिरा गांधी' को लेकर आयोजित चर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने इंदिरा गांधी को जन्मजात पर्यावरणविद बताया। कहा कि इंदिरा गांधी देश की पहली और आखिरी प्रधानमंत्री थीं, जो पर्यावरण को लेकर बेहद गंभीर थीं।
रमेश के अनुसार, 2015 में पेरिस में हुए जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के 90 राष्ट्र प्रमुखों ने हिस्सा लिया था, लेकिन पर्यावरण को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने 1972 में जब पहला सम्मेलन स्टॉकहोम में आयोजित किया था तो इंदिरा गांधी उसमें शामिल होने वाली एकमात्र राष्ट्र प्रमुख थीं।
कांग्रेस नेता ने कहा, 'एक पर्यावरण मंत्री के रूप में मैं इंदिरा गांधी से बेहद प्रभावित रहा। पर्यावरण संरक्षण को लेकर आज जितने भी कानून प्रभावी हैं, वे सभी इंदिरा गांधी के कार्यकाल में ही बनाए गए। वायु प्रदूषण नियंत्रण कानून, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) कानून और वन संरक्षण अधिनियम इंदिरा गांधी की ही देन है।