इमरान खान को भारत ने दिखाया आईना, पूछे पांच तल्ख सवाल
भारत ने कहा है कि अगर इमरान खान वार्ता के लिए गंभीर है तो वह अभी तक आतंकी संगठनों के खिलाफ कदम क्यों नहीं उठा रहे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद भारत के साथ कई बार बातचीत शुरु करने की इच्छा जताने वाले पूर्व क्रिकेटर इमरान खान को भारत ने आईना दिखा दिया है। भारत ने ना सिर्फ उनकी पेशकश को अपने देश के वित्तीय संकट से ध्यान भटकाने के लिए करार दिया है बल्कि उनसे कुछ बेहद चुभने वाले सवाल भी पूछे हैं। भारत ने कहा है कि अगर इमरान खान वार्ता के लिए गंभीर है तो वह अभी तक आतंकी संगठनों के खिलाफ कदम क्यों नहीं उठा रहे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से जब पाकिस्तान के पीएम खान के प्रस्ताव के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि, पता नहीं इमरान खान किस तरह की बात कर रहे हैं। एक तरफ तो वह भारत से बातचीत शुरु करना चाहते हैं, लेकिन दूसरी तरफ उनके पार्टी के लोग व मंत्री अंतरराष्ट्रीय आतंकियों के साथ गठबंधन कर रहे हैं। इस संदर्भ में हम उनसे कुछ सवाल पूछना चाहेंगे। पाकिस्तान के पीएम को यह बताना चाहिए कि उनके कैबिनेट के धार्मिक व अल्पसंख्यक मंत्री सितंबर, 2018 में कुख्यात आतंकी हाफिज सईद के साथ किस लिहाज से थे। इस मंच से दोनों ने भारत के खिलाफ खूब बयानबाजी भी की थी। दूसरा सवाल यह है कि अगर पाकिस्तानी पीएम गंभीर है तो उन्होंने मुंबई और पठानकोट हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नही की?
तीसरा सवाल यह पूछा गया है कि अगर वे आतंकियों के खिलाफ है तो अभी तक पाकिस्तान वैसे आतंकी संगठनों को पनाह क्यों दे रहा है जो भारत व अन्य दूसरे देशों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। चौथा सवाल यह है कि हाल ही में पाक अधिकृत कश्मीर में जमात उद दावा जैसे आतंकी संगठन के साथ इमरान खान की राजनीतिक पार्टी पीटीआई का एक वरिष्ठ सदस्य क्या कर रहा था। जमात उद दावा ने वहां अपना एक केंद्र खोला है। पांचवा सवाल यह पूछा गया है कि जमात उद दावा के एक सहयोग संगठन को प्रतिबंधित सूची से क्यों बाहर किया गया है?
इन सवालों के साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार असलियत में आतंकी संगठन को मुख्य धारा में शामिल करने की साजिश कर रही है। इमरान खान की सरकार इसके साथ ही अपने देश के वित्तीय संकट से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है और इस उद्देश्य से वह दूसरे देशों के बारे में बयानबाजी कर रहे हैं। भारत के अल्पसंख्यकों के बारे में इमरान खान की बयानबाजी पर कुमार ने कहा कि पाकिस्तान अंतिम देश होगा जिससे भारत अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में कोई राय लेगा।