भारतीय सेना-थाई आर्मी की 'मैत्री' युद्धाभ्यास में होगी आतंक के खिलाफ व्यूह रचना
आतंक के खिलाफ थाईलैंड ने अब भारतीय सेना की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।
शिवांग माथुर, नई दिल्ली। आतंक के खिलाफ भारत की जंग में अब दुनिया के दूसरे देश भी शामिल होने लगे हैं। इसी कड़ी में थाईलैंड ने अब भारतीय सेना की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। आतंक के खिलाफ भारतीय सेना और रॉयल थाई आर्मी ने थाईलैंड के चाचोएंगसाओ प्रॉविन्स में युद्धाभ्यास सोमवार को शुरु कर दिया है। इस युद्धाभ्यास को मिशन मैत्री 2018 का नाम दिया गया है।
भारतीय सेना और रॉयल थाई आर्मी के बीच एक पखवारे का अभ्यास शुरु
भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार संयुक्त युद्धाभ्यास में शामिल होने के लिए 45 सदस्यीय कंटिनजेंट थाईलैंड गए है। युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के सेनाओं को काउंटर इंसरजेंसी एंड काउंटर टेररिज्म इन अर्बन एंड रूरल एनवायरनमेंट पर संयुक्त प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस संयुक्त प्रशिक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र के मानकों के तहत कार्यक्रम तैयार किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान इंडियन कंटिनजेंट की तत्परता का जनरल आकलन कमांडिंग ऑफिसर करेंगे।
चौदह दिवसीय संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण मैत्री-2018 में थाईलैंड आर्मी के 50 से अधिक सैनिक हिस्सा लेंगे। इसमे एक जनरल, 6 अधिकारी और दो पर्यवेक्षक सहित 39 जवानों के भाग लेंगे। रहे है। पखवारे भर चलने वाले इस अभ्यास का उद्देश्य भारतीय सेना और रॉयल थाईलैंड सेना के बीच समन्वय स्थापित करना और अपनी योग्यता का आदान-प्रदान करना है। इससे पहले संयुक्त सैन्य अभ्यास 2017 में चंबा के बकलोह के छावनी क्षेत्र में शुरू में हुआ था।
भारत और थाईलैंड के रिश्तों की कड़ी में यह साझा सैन्य अभ्यास एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता रहा है। इस सैन्य अभ्यास को इस तरीके से आयोजित किया गया है कि दोनों देशों के सैनिक आपात स्थिति से निपटने और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में किए जाने वाले ऑपरेशन से परिचित हो सकें। इस दौरान एक-दूसरे से तालमेल और तकनीकी सूझ-बूझ के बारे में जान समझ सकें।