सुषमा स्वराज ने संसद में कहा- भारत 2 प्लस 2 बैठक में उठाएगा एच-1बी वीजा का मसला
सरकार ने अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'अमेरिकी खरीदो, अमेरिकी को नौकरी दो' की नीति के चलते वीजा प्रणाली को कठोर बनाने जाने पर चिंता जताई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'अमेरिकी खरीदो, अमेरिकी को नौकरी दो' की नीति के चलते वीजा प्रणाली को कठोर बनाने जाने पर चिंता जताई है। केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा है कि वह इस मामले को सितंबर में यहां होने वाली 2 प्लस 2 वार्ता के दौरान प्रभावशाली तरीके से उठाएगी।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को उच्च सदन राज्यसभा को बताया कि अब तक भारतीयों को दिए जाने वाले एच1-बी वीजा की तादाद में कोई कमी नहीं आई है। अभी तक वीजा प्रणाली में कोई उल्लेखनीय बदलाव नजर नहीं आया है।
सुषमा स्वराज ने कहा कि अमेरिका के साथ हमने पहले ही अपनी औपचारिक बातचीत में इस मुद्दे को उठा दिया है। हम आश्वासन देते हैं कि आगामी छह सितंबर को दिल्ली में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों की 2 प्लस 2 मुलाकात में हम निश्चित रूप से और जोरदार तरीके से इस मुद्दे को भी उठाएंगे।
उन्होंने बताया कि वह इस संबंध में अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के साथ ही संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली से भी बातचीत हो चुकी है। जबकि वित्त मंत्री ने इस मुद्दे को अमेरिकी विदेश मंत्री के समक्ष उठाया है। सरकार ने फैसला किया है कि हम अमेरिकी पक्ष से इस विषय में फिर सक्रियता दिखाएं।
विदेश मंत्री ने बताया कि एच-1 वीजा की तादाद 2014 में 1.08 लाख से अब बढ़कर अब 1.29 वीजा हो गई है। उन्होंने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देकर कहा कि 2014 में कुल 1,08,817 एच-1बी वीजा जारी किए गए थे। जबकि उसके अगले साल कुल 1,19,992 वीजा जारी किए गए थे।
प्रश्नकाल के दौरान सांसदों के कुछ सवालों का जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार ने यह मुद्दा विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर अमेरिकी प्रशासन के समक्ष उठाया है। इस मसले को कुछ अमेरिकी सांसदों के समक्ष भी रखा गया है।
उन्होंने कहा कि यह ना सिर्फ सरकार और विपक्ष के लिए चिंता का विषय है। बल्कि पूरे सदन और देश के लिए यह चिंता की बात है। स्वराज ने कहा कि खतरा बढ़ता जा रहा है, क्योंकि अमेरिकी प्रशासन एच1-बी वीजा की तादाद में कमी करने को लेकर बेहद सख्त रवैया अपना रहा है। नियमों को और भी कठोर बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि ऐसा न हो यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार अपने प्रयास और तेज कर रही है। वह व्हाइट हाउस, विदेश प्रशासन और सांसदों से बातचीत कर रही है।