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ग्रे लिस्‍ट में पाक, भारत ने की FATF के इस कदम की सराहना

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय निगरानी संस्था द्वारा पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में डाले जाने वाले कदम की भारत ने सराहना की है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 30 Jun 2018 01:13 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jun 2018 02:09 PM (IST)
ग्रे लिस्‍ट में पाक, भारत ने की FATF के इस कदम की सराहना
ग्रे लिस्‍ट में पाक, भारत ने की FATF के इस कदम की सराहना

नई दिल्‍ली (एजेंसी)। अंतरराष्‍ट्रीय निगरानी वित्‍तीय संस्‍था फिनांशियल एक्शन टास्क फोर्स द्वारा ग्रे लिस्‍ट में पाकिस्‍तान का नाम शामिल करने के कदम को भारत ने सराहा है और उम्‍मीद जताई कि आतंकवाद के प्रति इस्‍लामाबाद कार्रवाई करेगा।

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भारत ने की सराहना
मामले के संबंध में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने कहा, ‘हम उम्‍मीद करते हैं एफएटीएफ के एक्‍शन प्‍लान को समय सीमा के भीतर पाकिस्‍तान पूरा करेगा।‘ उन्‍होंने आगे कहा कि आतंकी करार दिए जाने के बावजूद हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दवा, लश्‍कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्‍मद पाकिस्‍तान में अब भी सक्रिय हैं। बता दें कि पाकिस्‍तान में आतंकियों को सुरक्षित पनाह उपलब्‍ध कराने के लिए भारत की ओर से लंबे समय से वैश्‍विक कार्रवाई की मांग की जा रही है। साथ ही 2008 मुंबई हमले समेत भारत में अन्‍य आतंकी गतिविधियों के लिए पाकिस्‍तान के आतंकियों को सजा देने की भी मांग होती रही है।

अमेरिका ने भी किया स्‍वागत
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी कहा कि आतंकवादियों को आर्थिक मदद (सीएफटी) रोक पाने में पाकिस्तान के प्रयासों में अब भी कमियां हैं जिन्हें एफएटीएफ की ओर से लगातार उठाया जा रहा है। एफएटीएफ के पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाले जाने के सवाल पर अधिकारी ने कहा, पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की ओर से चिह्नित आंतकी समूहों को धन पहुंचाना या धन जुटाने जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के साथ ही सीएफटी पर कई बड़े कदम उठाने होंगे।‘

ग्रे लिस्‍ट में शामिल होने वाला नौवां देश है पाक
27 जून को पाकिस्‍तान का नाम ग्रे लिस्‍ट में डाला दिया गया। फिनांशियल एक्शन टास्क फोर्स की 'ग्रे लिस्ट' में पाकिस्तान 9वां देश है, जिसके बारे में कहा गया है कि उसने आतंकियों को फंडिंग और मनी लांड्रिंग पर तत्काल रोक नहीं लगाई तो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है। इस लिस्‍ट में इथोपिया, सर्बिया, श्रीलंका, सीरिया, ट्रीनिदाद एंड टोबैगो, ट्यूनिशिया और यमन के नाम पहले से शामिल हैं। पाकिस्तान के बारे में यह फैसला पेरिस में 24 से 29 जून तक चले एफएटीएफ के महाधिवेशन में लिया गया। फैसला लेने से पहले इस संस्था ने इंटरनेशनल कोऑपरेशन रिव्यू ग्रुप (आईसीआरजी) की रिपोर्ट की जांच की थी।

वित्‍तीय निगरानी संस्‍था है एफएटीएफ
एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय निगरानी संस्था है जो दुनिया की वित्तीय व्यवस्थाओं पर नजर रखती है। पाकिस्तान ने हालांकि कई मामलों में सुधार किया है और एफएटीएफ के समक्ष एक 26 सूत्री प्रस्ताव भी दिया है जिसमें कहा गया है कि अगले 15 महीने में वह और सुधार करेगा। आईसीआरजी की रिपोर्ट यह भी बताती है कि पाकिस्तान चार अहम 'कमियों' में से तीन के खिलाफ अच्छा काम कर रहा है, लेकिन क्रॉस बॉर्डर कैश स्मगलिंग पर लगाम न लगा पाने के कारण उसे एफएटीएफ की नाराजगी का शिकार होना पड़ा है।


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