PM Modi In Japan: तकनीक के क्षेत्र में मजबूत होगी भारत-अमेरिका साझेदारी, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन की द्विपक्षीय बैठक में हुआ फैसला
भारत और अमेरिका ने अत्याधुनिक व बेहद जरूरी माने जाने वाले तकनीक के क्षेत्र में आपसी साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक कार्यक्रम चलाने का फैसला किया गया है। टोक्यो में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच द्विपक्षीय बैठक के बाद यह घोषणा की गई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका ने अत्याधुनिक व बेहद जरूरी माने जाने वाले तकनीक के क्षेत्र में आपसी साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक कार्यक्रम चलाने का फैसला किया गया है। टोक्यो में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच द्विपक्षीय बैठक के बाद यह घोषणा की गई। यह कार्यक्रम दोनों देशों के लिए सुरक्षा नीति तैयार करने वाली एजेंसी यानी भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) और अमेरिका के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की निगरानी में चलाया जाएगा। ये एजेंसियां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कंप्यू¨टग, 5जी, 6जी, बायोटेक, स्पेस और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में दोनों देशों के कारोबारियों, विशेषज्ञों और सरकार के बीच संपर्क बनाने का काम करेंगी।
पीएम मोदी और अमेरिकी बाइडन के बीच द्विपक्षीय रिश्तों से जुड़े तकरीबन हर मुद्दे पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने एक अधिक समृद्ध, मुक्त, संबद्ध और सुरक्षित दुनिया के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया। यूक्रेन पर रूस के हमले का मुद्दा भी उठा और राष्ट्रपति बाइडन की कोशिश रही कि रूस को लेकर भारत पर दबाव बनाया जाए। उन्होंने रूस के हमले को क्रूर और अनुचित करार दिया लेकिन पीएम मोदी के भाषण में रूस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई।
बाइडन ने मोदी की तारीफ की
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोरोना महामारी के प्रबंधन के लिए पीएम मोदी की सराहना की और उन्हें बधाई भी दी है। पीएम मोदी ने अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते को भरोसे का रिश्ता बताया और कहा कि दोनों देश वैश्विक शांति, स्थायित्व व मानवता की भलाई के लिए काम करते रहेंगे। आर्थिक सहयोग के मजबूत होने से भारत-अमेरिका की साझेदारी का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। उन्होंने क्वाड और हिंद प्रशांत आर्थिक फ्रेमवर्क के बारे में बताया कि दोनों देश आगे आपसी सहयोग के लिए ज्यादा तेजी से काम करेंगे।
सकारात्मक रही दोनों नेताओं की बैठक
मोदी और बाइडन के बीच तकरीबन 36 मिनट चली यह बैठक समय के हिसाब से तो कम रही लेकिन परिणाम के हिसाब से यह काफी महत्वपूर्ण रही। विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि वैक्सीन एक्शन प्रोग्राम को वर्ष 2027 तक बढ़ाने की सहमति बनी है। यह प्रोग्राम कई तरह की बीमारियों के खात्मे के लिए वैक्सीन शोध व निर्माण से जुड़े सहयोग का ढांचा प्रदान करता है। दोनों देशों के बीच कोरोना महामारी की वैक्सीन बनाने के लिए पहले से ही काम चल रहा है। भारत सीएमएफ में शामिल मोदी-बाइडन की बैठक के तुरंत बाद अमेरिका ने भारत को बहरीन स्थिति कंबाइंड मैरीटाइम फोर्स (सीएमएफ) में सहयोगी के तौर पर शामिल करने की घोषणा की। सीएमएफ अमेरिकी नेवी के नेतृत्व में चलाए जाने वाला अभियान है जो गहरे समुद्री में आतंकी संगठनों व मादक पदार्थो के तस्करों नकेल कसता है। यह 34 देशों का सगंठन है।
अमेरिकी रक्षा कंपनियों को आमंत्रण
दोनों नेताओं के बीच मौजूदा रक्षा सहयोग को और प्रगाढ़ करने पर भी बात हुई। मोदी ने अमेरिकी डिफेंस कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। साथ ही 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर हथियारों के विकास, डिजाइन और उत्पादन में शामिल होने को कहा। भारत के टेक्नोलाजी हब में शामिल होगा अमेरिका अमेरिका ने कहा है कि भारत जिस तेजी से अपनी ऊर्जा जरूरत को बदलने का लक्ष्य रखा है वह काफी स्वागतयोग्य है और अमेरिका भी इसमें शामिल होने को इच्छुक है। दोनों देशों के बीच पहले से ही पर्यावरण सुरक्षा व स्वच्छ ऊर्जा 2030 के तहत एक साझेदारी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अमेरिका की तरफ से बताया गया है कि वर्ष 2022 के दौरान वह भारत के छह टेक्नोलाजी इनोवेशन हब में शामिल होगा और इस हब के तहत चलाए जा रहे 25 शोध परियोजनाओं में मदद करेगा।