भारत बोला, अफ्रीका को सुरक्षा परिषद में मिले जगह, अस्थायित्व के लिए उपनिवेशवाद को ठहराया जिम्मेदार
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए अपनी लड़ाई लड़ रहे भारत ने इसमें अफ्रीका को भी प्रतिनिधित्व देने की मांग की है। विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा कि अफ्रीकी देशों की राष्ट्रीय सरकारों को भी पहचान देने की जरूरत है।
नई दिल्ली, जेएनएन। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए अपनी लड़ाई लड़ रहे भारत ने इसमें अफ्रीका को भी प्रतिनिधित्व देने की जबरदस्त मांग की है। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के सदस्यों के बीच आयोजित एक परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने भारत की तरफ से अफ्रीकी देशों को दी जाने वाली मदद के बारे में विस्तार से बताया और उन्हें सुरक्षा परिषद में स्थायी प्रतिनिधित्व की भी वकालत की। यह इस साल यूएनएससी की तरफ से आयोजित पहली खुली चर्चा थी।
उपनिवेशवाद के इतिहास को जिम्मेदार ठहराया
भारत ने नया सदस्य होने के नाते इस परिचर्चा में हिस्सा लिया। श्रृंगला ने अफ्रीका में मौजूदा अस्थायित्व के लिए उपनिवेशवाद के इतिहास को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्था को वहां शांति स्थापित करने की दिशा में अभी कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है। अफ्रीका में आतंकवाद की बढ़ती समस्या की तरफ से सदस्य देशों का ध्यान आकर्षित करते हुए श्रृंगला ने कहा कि यूएनएससी व अंतरराष्ट्रीय समुदाय को वहां और ज्यादा मदद पहुंचानी चाहिए।
सरकारों को भी पहचान देने की मांग
भारत ने अफ्रीकी देशों में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए इन देशों की राष्ट्रीय प्राथमिकता स्थापित करने के साथ ही वहां की राष्ट्रीय सरकारों को भी पहचान देने की जरूरत है। इस संदर्भ में भारत की तरफ से अफ्रीकी देशों को दी जा रही मदद का भी जिक्र किया और बताया कि भारत विकास कार्यों के लिए 43 अफ्रीकी देशों को मदद कर रहा है। भारत की मदद से 37 अफ्रीकी देशों में 189 परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। भारत ने 50 हजार अफ्रीकी छात्रों को छात्रवृत्ति देने की घोषणा की है। भारत कई अफ्रीकी देशों को सिक्योरिटी फोर्स तैयार करने में मदद कर रहा है। कोविड महामारी से लड़ाई में भी भारत अफ्रीकी देशों को मदद कर रहा है।